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हिजाब में लड़की-हिंदू लड़का इस ‘खेल’ के पीछे का ‘खेल’ क्या है…?

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लखनऊ (गणतंत्र भारत के लिए हरीश मिश्र ) : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में इन दिनों हिजाब सुर्खियों में है। पिछले एक हफ्ते में राज्य के बरेली, शाहजहांपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुजफ्फर नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर और अमरोहा में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जिनमें अधिककर में हिजाबधारी लड़कियां और उनके साथ आए युवकों को जबरन रोक कर उनसे बदसलूकी की गई। ऐसी तकरीबन 10 घटनाएं हुईं। यही नहीं शाहजहांपुर में एक प्रेमी युगल के होटल में रुकने पर बवाली पहुंच गए। बरेली में भी ऐसी ही एक घटना हुई। कुछ घटनाओं में पुलिस ने बदसलूकी करने वाले कुछ युवकों की पहचान का दावा भी किया लेकिन वे कौन हैं, किसके कहने पर इस तरह की हरकतें कर रहे हैं, इसके बारे में विस्तार से कुछ नहीं पता चल पाया।

ताजा घटना शाहजहांपुर की है जहां रेलवे में नौकरी करने वाला एक हिंदू युवक एक होटल में अपनी मुस्लिम प्रेमिका के साथ रुका था तभी कुछ युवक वहां आ गए और उन्होंने उस युवक के साथ मारपीट शुरू कर दी। लड़की ने जब ये कहा कि वो मेरा दोस्त है और मैं अपनी मर्जी से उसके साथ य़हां आई हूं तब भी काफी कहासुनी हुई। इसी तरह की एक घटना बरेली के एक होटल में हुई।

गणतंत्र भारत ने इन घटनाओं की विस्तार से पड़ताल की। कुछ घटनाएं तो बड़ी विचित्र और दिनदहाड़े भीड़भाड़ वाले बाजार में हुई। मेरठ में 13 मई को भगत सिंह मार्केट में हिजाब पहने कुछ लड़कियां- लड़के साथ चेयरमैन वाली गली में शॉपिंग कर रहीं थीं। वे सभी दोस्त थे और किसी की बर्थडे शॉपिंग के लिए आए थे। इसी दौरान एक लड़की अपने पुरुष दोस्त को उसके नाम से बुलाती है। तभी वहां खड़े कुछ मुस्लिम लड़के उसके दोस्त को घेर लेते हैं। वे लड़कियों से कहते हैं कि हिंदू लड़कों के साथ घूम रही हो तुम? लड़कियों के साथ आए युवक से इन लड़कों ने मारपीट की। लड़कियों के चेहरे से हिजाब भी खींचने की कोशिश हुई। पुलिस कहती है कि दोषी य़ुवक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है और 15 और लोगों की पहचान कर ली गई है।

मेरठ में ही एक और घटना 17 मई की है। ये घटना भी भगत सिंह मार्केट में हुई। इसमें तीन मुस्लिम लड़कियां एक युवक के साथ शॉपिंग करने आईं थी। अचानक से कुछ लोग वहां आ जाते हैं और वे उन लड़कियों के वीडियो बनाने लगते हैं। लड़कियों के मना करने पर वे उनसे बजतमीजी करते हैं और साथ आए युवक की पहचान बताने को कहते हैं। वे ये भी कहते हैं कि तुम्हें शर्म नहीं आती, हिंदू लड़के के साथ घूम रही हो।

एक और घटना 19 मई को अलीगढ़ युनिवर्सिटी में हुई। कैंपस में बुर्के में घूम रही एक हिंदू होने का दावा करने वाली लड़की का वीडियो सामने आता है। जिसमें दिखाई दे रहा है कि वो एक लड़के के साथ कैंपस में घूम रही है। इसी दौरान कुछ लड़के, लड़की और उसके दोस्त को रोक लेते हैं। फिर उसका नाम पूछते हैं। लड़का खुद को लड़की का भाई बताता है।

लड़का ये भी कहता है कि उसकी बहन को एलर्जी है। उसके हाथ और चेहरे में निशान पड़े हुए हैं। जिसके कारण वो बुर्का पहनकर घर से निकली है। जिससे धूप में उसकी एलर्जी में और ज्यादा परेशानी न हो। लड़की अपना नाम कोमल कुमारी बताती है। सिविल लाइंस के थाना प्रभारी प्रवेश कुमार बताते हैं कि मामले में अभी तक कोई शिकायत या तहरीर नहीं मिली है। फिर भी पुलिस वीडियो में दिखने वाले लड़के और लड़की की पहचान के बारे में पता लगा रही है।

इसी तरह की कई और घटनाएं मुजफ्फर नगर, बुलंदशहर, अमरोहा और गाजियाबाद जिलों में हुईं। कहीं मोटरसाइकिल पर अपने हिंदू दोस्त के साथ जाती हिजाब पहने लड़की को रोका गया तो कहीं एक कैफे में हिंदू लड़की के साथ मुसलमान लडके का नाम लिखा देख कर हंगामा हुआ।

क्य़ा कहते हैं धर्म गुरू

मेरठ के नायब शहर काजी जैनुर रशीदुद्दीन कहते हैं कि, औरतों का हिजाब खींचना, ये पूछना कि तुम कौन हो ? कहां से आई हो ? किसके साथ आई हो ? ये सब चीजें जो हो रही हैं, ये बातें अच्छी नहीं हो रही हैं। इनका प्रभाव लोगों पर अच्छा नहीं पड़ रहा है। बहुत से लोग नाम बदलकर धोखा करते हैं। शरीयत के अंदर धोखेबाजी करना गलत बात है।

सहारनपुर के मुस्लिम धर्मगुरु कारी इसहाक गोरा कहते हैं कि, हमारा मुल्क लोकतांत्रिक मुल्क है। यहां हर किसी को अपनी मर्जी के मुताबिक जिंदगी जीने का अधिकार है। ये अधिकार हमें लोकतंत्र ने दिया है। यहां पर कानून है, अगर कोई व्यक्ति कानून के खिलाफ काम करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए।

कहीं राजनीतिक साजिश तो नहीं ?

सवाल ये है कि, बुर्के और हिजाब की आड़ में इस तरह की जहरीली हवा के पीछे कौन है ? क्या जो लोग समाने हैं वही सच हैं या इसके पीछे कोई गहरा दुष्चक्र है। वरिष्ठ पत्रकार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बारीक जानकारी रखने वाले इलियास जौहर का कहना है कि, अभी तक इन इलाकों में आमतौर पर मुस्लिम लड़कों के साथ हिंदू लड़कियां पकड़ी जाती थीं और उसे लव जिहाद का नाम दिया जाता था। पिछले कुछ समय से मामले जो पकड़े जा रहे हैं वे उलट है। संभव है कि ऐसा हो रहा हो लेकिन ये भी संभव है कि माहौल को खराब करने के लिए ये सब किया जा रहा हो। जौहर का कहना है कि, बच्चे साथ-साथ पढ़ रहे हैं, बड़े हो रहे हैं, वे दोस्त भी हो सकते हैं जरूरी नहीं कि उस पर जो मुलम्मा चढ़ाया जा रहा है वह सही ही हो।
समाजविज्ञानी पी कुमार इन मामलों के पीछे राजनीतिक कारणों को देखते हैं। वे कहते हैं कि, पश्चिमी उत्तर प्रदेश राज्य के बाकी इलाकों से डेमोग्रेफी में थोड़ा भिन्न है। य़हां मुसलमान भी काफी तादाद में हैं और धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण भी काफी देखने को मिलता है। मुजफ्फर नगर, मेरठ, मुरादाबाद में भीषण दंगे हो चुके हैं। यहां इन घटनाओं के बहाने पोलराइजेशन का नया खेल खेला जा रहा है। हिंदू लड़के के खिलाफ मारपीट से जनमानस में हिंदू पोलराइजेशन का कार्ड चला जा रहा है। पी कुमार का मानना है कि, मुसलमान तो बेजेपी का वोटबैंक कभी नहीं रहे। हिंदू वोटों में डिवीजन होता है। ऐसी घटनाओं में बवाली मुसलमान बताए जा रहे हैं और विक्टिम हिंदू लड़का है। उसके प्रति सहानुभूति में समाज को पोलराइज करने की कोशिश की जा रही है।

पी. कुमार इसे एक और नजरिए से देखते हैं। वे पूछते हैं कि, आखिर ये बाढ़ अचानक कहां से आई। लव जिहाद अब घिसा पिटा मुहावरा हो गया। कहीं ऐसा को नहीं अब इससे मिलते-जुलते किसी नए मुहावरे को गढ़ने की जरूरत है। अगले साल लोकसभा चुनाव है। निकाय चुनावों तक अतीक अहमद खूब चले। चुनाव खत्म अतीक गायब। खेल क्या है, इसे समझना होगा।

इलिय़ास जौहर की माने तो ऐसी हरकतें ध्रुवीकरण का एक नया चेहरा हैं। जरूरत इन चेहरों की असली पहचान को उजागर करने की है। कोई ताज्जुब नहीं कि ज्यादातर मिलीभगत का ही खेल हो।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया                 

 

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