नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए सुरेश उपाध्याय) : कोविड से उबरने के बाद देश के सामने सेहत के मामले में एक नया खतरा पैदा हो गया है। ये खतरा है निपा वायरस। केरल में इसके कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं और राज्य में ये तेजी से फैल रहा है। केरल में इससे पहले भी इस वायरस के फैलने के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इस बार इसकी तेजी ज्यादा दर्ज की जा रही है। चमगादड़ों से फैलने वाला ये वायरस खासा घातक है और इसके कारण मौत भी हो सकती है। इससे प्रभावित होने वालों की मौत का प्रतिशत 40 से 70 तक है। इससे बचाव की फिलहाल कोई दवा या वैक्सीन नहीं है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज से ही अभी इस पर काबू पाया जा सकता है। केंद्र सरकार ने फिलहाल ऑस्ट्रेलिया से इसकी 20 डोज खरीदने का फैसला किया है। इसकी एक डोज करीब 70 हजार रुपये की पड़ती है। इसलिए गरीब इसे आसानी से नहीं खरीद सकते।
इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए केरल में 24 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। राज्य के 29 शहरों में निपा के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। केरल में महज कुछ ही दिनों में इस वायरस के संक्रमण के करीब 11 सौ केस सामने आ चुके हैं और इससे छह लोगों की मौत हो चुकी है। सवा सौ के करीब संक्रमित लोगों पर खतरा ज्यादा बताया जा रहा है।
पड़ोसी राज्यों ने केरल से सटे अपने इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है और लोगों से अनावश्यक रूप से केरल की यात्रा न करने को कहा है।
निपा की वैक्सीन नहीं
निपा वायरस से बचाव के लिए फिलहाल कोई वैक्सीन नहीं है। लक्षणों के आधार पर ही इसके संक्रमण का इलाज किया जाता है। इस वायरस का सबसे पहले 1998 में मलयेशिया में पता चला। माना जाता है निपा वायरस चमगादड़ों से जानवरों तक पहुंचा और फिर इंसानों तक। इसका संक्रमण होने पर ब्रेन में सूजन आ जाती है। सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और बुखार तथा सिरदर्द हो सकता है। इसके साथ ही यह नर्वस सिस्टम पर भी असर डालता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस से सभी राज्यों को सतर्क रहने और एहतियाती उपाय करने को कहा है। केरल एक ऐसा राज्य है, जिसकी खूबसूरती को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आते हैं। इससे निपा के फैलने का खतरा है। कोविड भी चीन जाने वाले यात्रियों के कारण ही पूरी दुनिया में फैला था। निपा के संक्रमण को कोविड से भी बड़ा खतरा बताया जा रहा है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा. जॉर्ज के मुताबिक, केरल में निपा का जो स्ट्रेन मिला है, वो बांग्लादेश वाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके कारण दस में से नौ लोगों की मौत हो सकती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी अपनी एक टीम केरल भेजी है, जो निपा वायरस की प्रकृति की जांच करेगी। केरल में निपा वायरस पहले भी तीन बार फैल चुका है। इस बार इसका प्रसार ज्यादा है। इस बार भी निपा के फैलने की शुरुआत राज्य के कोझिकोड शहर से हुई है।
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