गुवाहाटी, 25 अगस्त ( गणतंत्र भारत के लिए शोध डेस्क ) : दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अभी प्रवर्तन निदेशालय ((ईडी) की रेड के झमेले में उलझे ही हुए हैं कि असम की एक अदालत ने मानहानि के एक मामले में उनके खिलाफ समन जारी कर दिया है। समन असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वाशर्मा की ओर से दायर मानहानि मामले में जारी किया गया है। सिसोदिया को 29 सितंबर को कामरूप की अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है।
समन कामरूप की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोनमी शर्मा की तरफ से जारी किया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वाशर्मा ने 5 अगस्त को इस अदालत के समक्ष मनीष सिसोदिया के खिलाफ अपना बयान दर्ज कराया था। पिछली चार जून को मनीष सिसोदिया ने मीडिया रिपोर्टों के हवाले से आई एक खबर का जिक्र करते हुए पत्रकारों से कहा था कि एक ओर असम सरकार ने अन्य कंपनियों से 600 रुपए में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट खरीदी थी तो दूसरी ओर उन्होंने अपनी पत्नी व बेटे के व्यापारिक भागीदारों की कंपनियों को 990 के हिसाब से पीपीई किट की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था। मनीष सिसोदिया ने ये भी आरोप लगाया था कि, बिस्वाशर्मा की पत्नी की फर्म चिकित्सा उपकरणों का कारोबार भी नहीं करती है।
समाचार एजेंसी भाषा की खबरों के अनुसार, सिसोदिया ने अपने बयान में ये भी कहा था कि, विस्वाशर्मा की पत्नी की फर्म को दिया गया अनुबंध बाद में रद्द कर दिया गया था, क्योंकि कंपनी पीपीई किट की आपूर्ति नहीं कर सकती थी। एक अन्य आपूर्ति आदेश उनके बेटे के व्यापारिक साझेदारों से संबंधित कंपनी को 1680 रुपए प्रति किट की दर से दिया गया था।
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि, ये असम के मुख्यमंत्री और उनके करीबी सहयोगियों द्वारा किया गया एक बड़ा घोटाला है और ये भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने आरोप लगाया था कि, बिस्वाशर्मा के बेटे के व्यापारिक साझेदारों को भी 990 रुपए प्रति किट की दर से पीपीई किट की आपूर्ति करने का आकर्षक ऑर्डर मिला। शर्मा की पत्नी के एक व्यापारिक साझेदार के स्वामित्व वाली कंपनी एजाइल एसोसिएट्स को 2205 रुपए के हिसाब से 10,000 पीपीई किट देने का ऑर्डर मिला।
सिसोदिया के इन आरोपों के तुरंत बाद चार जून को ही असम सरकार ने इन आरोपों का खंडन कर दिया था। मुख्यमंत्री बिस्वाशर्मा की पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा ने 21 जून को सिसोदिया के खिलाफ 100 करोड़ रुपए की मानहानि का मामला दर्ज करवा दिया था।
आपको बता दें कि गत एक जून को इस बारे में समाचार पोर्टल द वायर और गुवाहाटी के द क्रॉस करेंट ने एक संयुक्त रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि, उचित प्रक्रिया का पालन किए बगैर मुख्यमंत्री की पत्नी और उनके परिवार के कारोबारी सहयोगियों की कंपनियों को कोविड से संबंधित ऑर्डर दिए थे। सिसोदिया ने इसी संदर्भ का हवाला देते हुए दिल्ली में प्रेस कॉंफ्रेंस की और अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगी सतेंद्र जैन की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए।
फोटो सौजन्य-सोशल मीडिया