नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले और दूसरे चरण के लिए होने वाले चुनाव के लिए बीजोपी में अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उम्मीदवारों की सूची जारी की। सूची में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का नाम भी है वे गोरखपुर शहर से चुनाव लडेंगे जबकि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज के सिराथू से चुनाव लडेंगे। योगी आदित्य नाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने से एक बात तो साफ हो गई है कि बीजेपी की तरफ से वे ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे।
पहले चर्चा थी कि योगी आदित्य नाथ अय़ोध्या से चुनाव लडेंगे लेकिन पार्टी ने उन्हें गोरखपुर से लड़ाने का फैसला किया। भारतीय जनता पार्टी की सूची में पहले चरण की 58 में से 57 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए और दूसरे चरण की 55 में से 48 सीटों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई। बाकी बची सीटों के बारे में अभी फैसला बाकी है। आज घोषित सूची में पार्टी ने 83 में से 20 विधायकों का टिकट काटा है।
नोएडा से पंकज सिंह फिर मैदान में
बीजेपी ने नोएडा से पंकज सिंह को पार्टी का टिकट दिया है जबकि साहिबाबाद से सुनील शर्मा को टिकट दिया गया है। लोनी से नंदकिशोर गुर्जर को चुनाव मैदान में उतारा गया है जबकि, गाजियाबाद से अतुल गर्ग पार्टी के उम्मीदवार होंगे। जेवर से धीरेंद्र सिंह पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने अतरौली से मंत्री संदीप सिंह को फिर से टिकट दिया है। मथुरा से श्रीकांत शर्मा पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है। बीजेपी ने पूर्व गवर्नर और पार्टी नेता बेबी रानी मौर्य को आगरा देहात सीट से उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने आगरा कैंट से मंत्री जीएस धर्मेश को टिकट दिया है। आगरा दक्षिण से योगेंद्र उपाध्याय पार्टी के उम्मीदवार होंगे। एतमादपुर से धर्मपाल सिंह को टिकट दिया गया है। मुरादाबाद नगर से रितेश गुप्ता पार्टी के उम्मीदवार होंगे। देवबंद से बृजेश सिंह रावत को टिकट मिला है। फतेहाबाद से छोटे लाल वर्मा बीजेपी के उम्मीदवार होंगे।
योगी को गोरखपुर से क्यों लड़ाया गया
काफी समय से बीजेपी के अंदरखाने ये तय था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाया जाएगा। ये बात एक तरह से लगभग तय थी। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि योगी आदित्य नाथ को गोरखपुर का रुख करना पड़ा। बीजेपी सूत्रो से मिली खबर के अनुसार, पार्टी ये मान कर चल रही है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीजेपी की स्थिति ठीक नहीं है और उसे चुनावों मे भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में पार्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश से इस कमी तो पूरा करने की जुगत भिड़ा रही है। पार्टी का मानना है कि गोरखपुर योगी आदित्य नाथ का गृह जनपद है और उनके यहां से चुनाव लड़ने पर आसपास की सीटों पर भी बीजेपी के लिए अच्छे अवसरों की उम्मीद बंधेगी। योगी को खुद भी अपने क्षेत्र पर ज्यादा वक्त नहीं देना होगा और वे प्रदेश में दूसरी सीटों पर प्रचार के लिए उपलब्ध होंगे।
योगी के गोरखपुर से चुनाव लड़ने का सीधा मतलब मौजूदा विधायक राधामोहन दास पर पड़ेगा। बताया जा रहा है कि वे इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से नाराज भी चल रहे हैं। संभव है कि राधामोदन दास को इस पार्टी से दिकट न दिया जाए।
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