Homeपरिदृश्यटॉप स्टोरीप्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध : कई अनुत्तरित सवालों ने बढ़ाई पेचीदगी

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध : कई अनुत्तरित सवालों ने बढ़ाई पेचीदगी

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नई दिल्ली / चंडीगढ़ (गणतंत्र भारत के लिए लेखराज एजेंसी इनपुट के साथ) : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है। प्रधानमंत्री बठिंडा के पास हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने वाले थे। उन्हें बठिंडा एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर के जरिए हुसैनीवाला जाना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्होंने सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। रास्ते में एक फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारी किसानों के जत्त्थे ने उनका रास्ता रोका। प्रधानमंत्री को करीब 20 मिनट तक प्लाईओवर पर रुकना पड़ा उसके बाद उन्होंने वापस लौटने का फैसला किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक गंभीर चूक मानते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में जवाबदेही तय की जाएगी। ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।

पीआईबी के जरिए गृह मंत्रालय का बयान

प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो ने इस पूरे प्रकरण पर गृह मंत्रालय का बयान जारी किया है। बयान में बताया गया है कि, आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी बठिंडा लैंड किए और यहां से वो हेलिकॉप्टर से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने वाले थे। बारिश और कम दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने 20 मिनट तक मौसम साफ़ होने का इंतज़ार किया। जब मौसम साफ़ नहीं हुआ तो फ़ैसला किया गया कि वो सड़क मार्ग से ही शहीद स्मारक पहुंचेंगे। डीजीपी पंजाब पुलिस की ओर से सुरक्षा प्रबंध की पुष्टि होने पर पीएम मोदी का काफ़िला रवाना हुआ। हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर पहले पीएम का काफ़िला एक फ़्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रखी है। प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक फंसे रहे। ये प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक थी।

मामले से जुड़े अहम सवाल

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के इस मामले में अहम पक्ष केंद्रीय और राज्य एजेंसियों में समन्वय और तालमेल को लेकर है। उंगली पंजाब पुलिस पर उठ रही है। लेकिन क्या पंजाब पुलिस को पूरी तरह से इस मामले में जिम्मेदार ठहराया जा सकता है ? प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा पूरी तरह से स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप या एसपीजी के पास रहता है। एसपीजी प्रधानमंत्री के दौरे की पूरी तैयारी राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ तालमेल और खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर करती है। बताय़ा गया है कि प्रधानमंत्री के लिए सड़क मार्ग सुरक्षित है इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक ने क्लीयरेंस दी थी। फिर जो कुछ हुआ वो कैसे हुआ, ये एक सवाल है ?

दूसरा, और सबसे अहम सवाल। प्रधानमंत्री का काफिला जिस जगह फंसा था वो स्थान पाकिस्तान सीमा से बमुश्किल 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर था। केंद्र सरकार ने अभी कुछ दिनो पहले ही एक कानून बना कर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक के दायरे में सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल को सौंप दिया था। उस हिसाब से इस स्थान की सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल के पास होना चाहिए था। ऐसा क्यों नहीं हुआ ? इस मामले पर सरकार की तरफ से भी कोई स्पष्टीकरण नहीं आया।      

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

बीजेपी का हमला

बीजेपी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक बताया है। बीजपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आरोप लगाया कि, प्रधानमंत्री की जान को जोखिम में डाला गया और पंजाब पुलिस मूकदर्शक बनी रही। स्मृति ईरानी ने कहा कि,  कांग्रेस के ख़ूनी इरादे नाकाम रहे। हमने कई बार कहा है कि कांग्रेस को नफ़रत मोदी से है हिसाब हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री से न कीजिए। स्मृति ईरानी ने सवाल पूछा कि,  क्या जानबूझकर पीएम के सुरक्षा दस्ते को झूठ बोला गया? पीएम के पूरे काफिले को रोकने का प्रयास हुआ 20 मिनट तक पीएम की सुरक्षा भंग की गई, उन लोगों को वहां तक किसने पहुंचाया ?

कांग्रेस ने क्या कहा 

कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए सिलसिलेवार जवाब दिया। प्राटी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा कि, प्रधानमंत्री की रैली की सुरक्षा में 10 हज़ार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती थी। एसपीजी और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर सभी सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे। यहां तक कि हरियाणा-राजस्थान के बीजेपी कार्यकर्ताओं की सभी बसों के लिए भी रूट बनाया गया था। प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से हुसैनीवाला जाने का फ़ैसला किया। ये पीएम के काफ़िले का पूर्वनिर्धारित रूट नहीं था। किसान मज़दूर संघर्ष समिति प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री के दौरे के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन कर रही है।

रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को संबोधित करते हुए कहा कि, प्रिय नड्डा जी, रैली रद्द होने का कारण ख़ाली कुर्सियां रहीं। यक़ीन न हो तो, देख लीजिए। और हां, बेतुकी बयानबाज़ी नहीं,  किसान विरोधी मानसिकता का सच स्वीकार कीजिए और आत्ममंथन कीजिए। पंजाब के लोगों ने रैली से दूरी बनाकर अहंकारी सत्ता को आइना दिखा दिया है।

मुख्यमंत्री ने सफाई दी

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस घटना को आकस्मिक बताते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने रास्ता जरूर रोका लेकिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा को कोई खतरा था, ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि, अगर प्रधानमंत्री मोदी के दौरे में सुरक्षा से जुड़ी कोई चूक हुई थी तो हम उसकी जांच कराएंगे। चन्नी ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम था। चन्नी ने कहा कि उन्हें खेद है कि प्रधानमंत्री को लौटना पड़ा।

फोटो सौजन्य़- सोशल मीडिया

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