लखनऊ 23 अगस्त (गणतंत्र भारत के लिए हरीश मिश्र ) : उत्तर प्रदेश में जल्दी ही हर परिवार का अपना पहचान पत्र होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के इस मास्टर प्लान को केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग ने मंजूरी दे दी है। योजना के तहत, राज्य सरकार ने 12 अंकों के एक नए परिवार कल्याण कार्ड के निर्माण की योजना बनाई है। प्रदेश के सभी परिवारों की मैपिंग कर एक पारिवारिक पहचान पत्र लांच किया जाएगा। योजना का मकसद सरकारी योजनाओं के लाभार्थी वर्ग की पहचान के काम को आसान बनाना है। मुख्यमंत्री ने स्वयं इस योजना से संबंधित प्रेजेंटेशन देखा और इसे आगे बढाने का फैसला किया।
केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजने से पहले इस योजना पर प्रयागराज में एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम किया गया। इस प्रोजेक्ट में राशन कार्डों से मिले डेटा के आधार पर लाभार्थी परिवारों की पहचान की गई। सरकार को उम्मीद है कि इस आधार पर प्रदेश के करीब 60 फीसदी परिवारों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ने का काम बहुत आसान हो जाएगा।
क्या है मकसद ?
योजना का उद्देश्य प्रदेश में सरकारी लाभ पाने वाले परिवारों की पहचान के साथ उन परिवारों की पहचान करना भी है जो पात्र होते हुए भी इन योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रहे हैं।
योजना का दूसरा बड़ा लाभ फर्जी राशन कार्डों को बंद कराना है। परिवार कार्ड बनने के साथ ही उस परिवार को मिलने वाले लाभ, सदस्यों की जानकारी, पता, रोजगार स्थिति और आय के बारे में ठोस जानकारी हासिल हो जाएगी और सरकार को हालात के आंकलन में काफी मदद मिल पाएगी। अभी तक ऐसा बहुत बार पाया गया है कि एक ही परिवार विभिन्न सरकारी लाभ योजनाओं का फायदा बार-बार उठाता रहा है। किसान सम्मान निधि और मुफ्त राशन देने की योजनाओं पर प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसी कारण गड़बड़ी हुई।
तीसरा बड़ा फायदा, उन परिवारों को होगा जो सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र तो हैं लेकिन किसी कारणवश वे लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस कार्ड के जरिए ऐसे परिवारों की पहचान संभव हो सकेगी और उन्हें लाभार्थी वर्ग में जोड़ा जा सकेगा।
चौथा और सबसे खास कारण, उत्तर प्रदेश सरकार की वो योजना है जिसमें हरेक परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार दिलाने का संकल्प है। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान अपनी चुनाव सभाओं में वादा किया था कि अगर उन्हें दोबारा सत्ता मिली तो प्रदेश के प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति के लिए रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। परिवार कार्ड के जरिए इस योजना को प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद मिल सकेगी।
इसके अलावा, परिवार कार्ड के जरिए तमाम तरह के सरकारी प्रमाणपत्रों और पहचान संबंधी दस्तावेजों को बनाने में काफी आसानी हो जाएगी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस समय करीब 15 करोड़ मान्य राशन कार्ड धारक हैं और राज्य की कुल आबादी का लगभग 60 फीसदी हिस्सा राशन कार्ड की पात्रता के तहत आता है। अगर इस योजना को सफलतापूर्वक लागू कर लिया जाता है तो ये उत्तर प्रदेश में एक बहुत बड़े वर्ग के लिए गेमचेंजर योजना साबित हो सकती है।
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