Homeपरिदृश्यटॉप स्टोरी'ब्रांड अंबेसेडर' गौरी खान...जानिए, बिल्डर के जुर्म की कैसे बन गईं हिस्सेदार...?

‘ब्रांड अंबेसेडर’ गौरी खान…जानिए, बिल्डर के जुर्म की कैसे बन गईं हिस्सेदार…?

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लखनऊ ( गणतंत्र भारत के लिए एजेंसियां) : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान के खिलाफ एक मामला दर्ज कराया गया है। मामला एक रियल इस्टेट कंपनी के विवाद से जु़ड़ा है। गौरी इस कंपनी  की ब्रांड अंबेसेडर हैं। गौरी के अलावा रियल इस्टेट कंपनी के दो निदेशकों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है।

लखनऊ पुलिस की एडिश्नल कमिश्नर स्वाति चौधरी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया है कि, सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस स्टेशन में क्रिमिनल ब्रीच ऑफ़ ट्रस्ट का मामला दर्ज कराया गया है और इस मामले में गौरी खान भी एक अभियुक्त हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है।

क्या है पूरा मामला ?

एजेंसी की खबरों के अनुसार, किरीट जसवंत शाह नाम के व्यक्ति ने तुलसियानी बिल्डर्स के चीफ़ मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार तुलसियानी, निदेशक महेश तुलसियानी और फिल्म स्टार शाहरुख़ ख़ान की पत्नी गौरी ख़ान के ख़िलाफ़ 25 फरवरी को सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

रिपोर्ट में शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उन्होंने ये फ्लैट गौरी खान के प्रमोशन करने से प्रेरित होकर खरीदा था। उन्होंने 2015 में ये फ्लैट 85.46 लाख रुपए में खरीदा था। उन्हें इस फ्लैट का कब्ज़ा साल 2016 में दिया जाना था। चूंकि बिल्डर संपत्ति का कब्ज़ा उन्हें निर्धारित वक्त पर नहीं दे पाए, इसलिए साल 2017 में बिल्डर ने उन्हें मुआवजे के तौर पर 22.70 लाख रुपए दिए और वादा किया कि अगर फ्लैट का पजेशन छह महीने के भीतर न दिया जा सका तो पूरा पैसा ब्याज के साथ वापस कर दिया जाएगा।

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि, बिल्डर अनिल कुमार तुलसियानी और महेश तुलसियानी ने बाद में उन्हें पैसा नहीं दिया। इतना ही नहीं जिस फ्लैट की बिक्री का समझौता उनसे किया गया था, बिल्डर ने बाद में उसी फ्लैट को किसी और ग्राहक को बेच दिया।

गौरी कैसे आईं चपेटे में ?

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि, इस बिल्डर प्रोजेक्ट की ब्रांड अंबेसेडर गौरी खान हैं और खरीदार ने फ्लैट खरीदते वक्त उनकी शख्सियत और साख से प्रभावित होकर भी सौदा किया। बिल्डर ने भी उनके ब्रांड नेम के जरिए ग्राहकों को लुभाने की कोशिश की। ऐसे मैं बिल्डर के साथ ब्रांड अंबेसेडर की जवाबदेही भी बनती है।

कानूनी मामलों के जानकार रमेश पालीवाल के अनुसार, ब्रांड अंबेसेडर की जिम्मेदारी ऐसे मामलों में बनती जरूर है लेकिन क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट का दोषी अगर कोई  हो सकता है तो वह सिर्फ और सिर्फ बिल्डर। ब्रांड अंबेसेडर तो मुखौटा होता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है लेकिन वो भी उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत। वे बताते हैं कि नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में बिल में पहले ब्रांड अंबेसेडर की गिरफ्तारी तक का प्रावधान किया गया था लेकिन बाद में उसकी जगह सिर्फ आर्थिक दंड का प्रावधान कर दिया गया। नए कानून में ब्रांड अंबेसेडर को दोष सिद्ध होने पर सिर्फ अर्थ दंड ही दिया जा सकता है।

आपको बता दें कि, पहले भी रियल इस्टेट से जुड़े कई मामलों में कई सेलेब्रिटीज़ ब्रांड अंबेसेडर के रूप में कई तरह के विवादों में फंस चुके हैं। इनमें महेंद्र सिंह धोनी, अक्षय कुमार, शाहरुख खान, सलमान खान जैसे नामी गिरामी अभिनेता और क्रिकेट स्टार शामिल हैं। धोनी का आम्रपाली बिल्डर के साथ विवाद काफी चर्चित हुआ था। वे इस बिल्डर के ब्रांड अंबेसेडर हुआ करते थे।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया         

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