नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : दिल्ली को नया उप राज्यपाल मिल गया है। विनय कुमार सक्सेना दिल्ली के नए उप राज्यपाल होगे। वे अनिल बैजल की जगह लेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी नियुक्ति का पत्र जारी कर दिया है। विनय सक्सेना 64 साल के हैं।
दिल्ली का उप राज्यपाल बनने से पहले पिछले सात वर्षों से सक्सेना खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन थे। उन्हें अक्टूबर 2015 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। यहां अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने हनी मिशन, कुम्हार सशक्तिकरण योजना, चमड़े के कारीगरों का सशक्तिकरण, खादी प्राकृतिक पैंट, प्रोजेक्ट आरई-एचएबी, खादी फ़ैब्रिक फ़ुटवियर और प्लास्टिक मिक्स्ड हैंडमेड पेपर जैसे प्रोजेक्ट पर काम किया। सक्सेना के कार्यकाल के दौरान केवीआईसी ने पहली बार 2021-22 में 1.15 लाख करोड़ रुपए का ऐतिहासिक कारोबार किया जो भारत में अब तक केवीआईसी और किसी भी एफएमसीजी कंपनी के कारोबार से सबसे अधिक है।
सक्सेना कई कमेटियों के सदस्य भी रह चुके हैं जिनमें स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के लिए बने राष्ट्रीय पैनल और पद्म पुरस्कारों की चयन समिति भी शामिल है। वे सीएसआईआर और यूनिवर्सिटी कोर्ट ऑफ़ जेएनयू के सदस्य भी हैं।
विनय सक्सेना उत्तर प्रदेश के एक प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार में पैदा हुए। उन्होंने 1981 में कानपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि ली थी। उनके पास पायलट का लाइसेंस भी है।
विनय कुमार ने 1984 में जेके ग्रुप के साथ राजस्थान में सहायक प्रबंधक के रूप में अपना करियर शुरू किया। वे इस ग्रुप के साथ 11 सालों तक जुड़े रहे। उन्हें 1995 में गुजरात में प्रस्तावित बंदरगाह परियोजना की देखरेख के लिए महाप्रबंधक के रूप में प्रमोट किया गया। इसके बाद वे सीईओ बने और बाद में धोलेरा पोर्ट प्रोजेक्ट के निदेशक के रूप में प्रमोट हुए।
विनय सक्सेना का गुजरात कनेक्शन
विनय सक्सेना का गुजरात से भी गहरा ताल्लुक है। विनय सक्सेना ने 1991 में एक एनजीओ- नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज (एनसीसीएल) की स्थापना की जिसका मुख्यालय अहमदाबाद में है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की वेबसाइट पर मौजूद विनय कुमार सक्सेना के बारे में दी गई जानकारी में बताया गया है कि एनसीसीएल ने सरकारी कंपनियों और राज्य सरकारों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय मुद्दों पर काम किया और संगठन ने अन्याय के ख़िलाफ़ सामाजिक जागरूकता, ग़लत व्यापार प्रथाओं को रोकने का काम भी किया। एनसीसीएल ने गुजरात के आदिवासी इलाक़ों में पक्के मकान बनाने का काम भी किया।
नर्मदा नदी पर बांध निर्माण के कारण स्थानीय लोगों के विस्थापन को लेकर समाजसेविका मेधा पाटकर ने साल 1985 में ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ संगठन की शुरुआत की थी।
खादी आयोग की वेबसाइट का दावा है कि विनय कुमार सक्सेना के ग़ैर सरकारी संगठन ने साल 2000 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की गतिविधियों को उजागर किया। वेबसाइट के अनुसार इसकी वजह से गुजरात और मध्य प्रदेश में लाखों लोगों का जीवन तब्दील हुआ।
वेबसाइट पर आगे बताया गया है कि एनसीसीएल ने नर्मदा बचाओ आंदोलन के ख़िलाफ़ एक विपक्ष पैदा किया जिसने तकनीकी, क़ानूनी, सामाजिक और सांस्कृतिक आयामों को शामिल करते हुए कई क़दम उठाए।
केजरीवाल ने स्वागत किया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का उप राज्यपाल बनाए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, वे दिल्ली की जनता की ओर से विनय कुमार सक्सेना का स्वागत करते हैं। दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल की ओर से उन्हें पूरा सहयोग मिलता रहेगा।
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