क्या न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज़ टाइम्स की ये रिपोर्टें प्रायोजित हैं ?

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नई दिल्ली, 19 अगस्त (गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र ) : दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निवास सहित 21 ठिकानों पर छापेमारी के बाद सीबीआई ने सिसोदिया समेत 15 अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है। मनीष सिसोदिया पर दिल्ली की आबकारी नीति में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं और दिल्ली के मुख्य सचिव ने खुद ही एलजी को भेजे पत्र में मामले की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की थी। सीबीआई छापेमारी की जानकारी मनीष सिसोदिया ने खुद ही एक ट्वीट में दी।

अपने डिप्टी के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस के सामने खुद मोर्चा संभाला और मनीष को देश का सबसे बेहतरीन शिक्षा मंत्री बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि, केंद्र सरकार दिल्ली के शिक्षा मॉडल की दुनिया में तारीफ से जलती है और सिसोदिया पर कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।

न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज़ टाइम्स

दिलचस्प है कि आज ही अमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में दिल्ली की शिक्षा नीति की तारीफ में पहले पन्ने पर एक बड़ा आलेख छपा है। ठीक ऐसा ही आलेख मध्यपूर्व से प्रकाशित खलीज़ टाइम्स में भी छपा है। दोनों अखबारों में छपी रपटों में एक जैसा कंटेंट है और एक तरह की ही तस्वीरें भी है। दो प्रतिष्ठित अखबारों में एकदम एक जैसा कंटेंट और फोटो प्रकाशित होने के कारण रिपोर्ट की साख पर सवाल उठ खड़े हुए।

दरअसल सरकारें अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए तमाम अखबारों में खबरें प्रकाशित कराती हैं जो आमतौर पर विज्ञापन की शक्ल में होते हैं। कई बार उपलब्धियों को गिनाते हुए अखबार सप्लीमेंट भी निकालते हैं और अखबार के कई पन्ने उपलब्धियों से पटे रहते हैं। लेकिन ऐसा पहली बार देखा गया कि न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज टाइम्स जैसे बेहद प्रतिष्ठित अखबारों में इस तरह की खबरें छपीं।

क्या ये रिपोर्टें पेड न्यूज़ हैं ?

दुनिया के दो प्रतिष्ठित अखबारों में एक जैसी रिपोर्ट और तस्वीरों से आशंका जताई जा रही है ये पेड न्यूज़ है और इस खबर को पैसे देकर छपवाया गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि, दोनों अखबारों में दिल्ली की शिक्षा नीति की तारीफ में एक जैसी रिपोर्ट और तस्वीरें आम आदमी पार्टी की सरकार के प्रचार अभियान का हिस्सा है। बीजेपी का आरोप है कि रिपोर्ट की शक्ल में ये एडवर्टोरियल है यानी पैसा लेकर तारीफ में लिखवाई गई रिपोर्ट है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया के पक्ष में मोर्चा संभाला तो उन्होंने इन्हीं रिपोर्टों का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि, जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स  के फ्रंट पेज पर दिल्ली के शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी  उसी दिन मनीष के घर केंद्र ने सीबीआई  को भेज दिया। सीबीआई का स्वागत है। पूरा सहयोग  करेंगे। पहले भी कई जांच/रेड हुई। कुछ नहीं निकला। अब भी कुछ नहीं निकलेगा।

अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि, दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल की पूरी दुनिया चर्चा कर रही है। इसे ये रोकना चाहते हैं। इसीलिए दिल्ली के स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रियों पर रेड और गिरफ्तारी। 75 सालों में जिसने भी अच्छे काम की कोशिश की, उसे रोका गया। इसीलिए भारत पीछे रह गया दिल्ली के अच्छे कामों को रुकने नहीं देंगे।

न्यूयॉर्क टाइम्स को लेकर क्यों है बीजेपी हमलावर ?

कुछ महीनों पहले, सोशल मीडिया पर काफी जोर-शोर से ये खबर प्रचारित की गई थी कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में एक संपादकीय लिखा है जिसमें मोदी के नेतृत्व और विश्व में एक शक्ति के रूप में भारत की प्रतिष्ठा की दृष्टि से उनकी तारीफ की गई है। छानबीन के बाद पाया गया कि अखबार में ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित ही नहीं हुई है। अखबार के संपादक ने खुद इस मामले में स्पष्टीकरण दिया और कहा कि अखबार ने ऐसी कोई रिपोर्ट ही प्रकाशित नहीं की है। अखबार के संपादक ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि उनका अखबार पत्रकारिता के उच्च मानदंडों का पालन करता है और किसी भी खबर की तथ्यात्मक छानबीन के बिना उसे प्रकाशित नहीं करता।

लेकिन, दिल्ली के शिक्षा मॉडल के लेकर जिस तरह की खबर आज न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज़ टाइम्स ने प्राकाशित की है वह पत्रकारिता के किस मानदंड पर खऱी उतरती है ये विम्रर्श का विषय है।

पत्रकार मैथ्यू ज़ॉर्ज कहते हैं कि, आबकारी नीति में घोटाले के आरोप मनीष सिसोदिया पर पहले से थे। उसे काउंटर करने के लिए दुनिया के प्रतिष्ठित अखबारों में प्रायोजित खबरें छपवाने से क्या फर्क पड़ेगा। उन्हें जवाब शिक्षा नहीं आबकारी नीति पर देना है।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया

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