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लेखन की ‘मुक्त शक्ति’ की धनी एनी एरनॉक्स को साहित्य का नोबेल

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नई दिल्ली 06 अक्टूबर (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ एजेंसियां) :  साहित्य के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गई है। फ्रांस की लेखिका एनी एरनॉक्स को ये पुरस्कार दिया गया है। नोबेल समिति के अनुसार, फ्रांस की लेखिका एनी एरनॉक्स को सामाजिक प्रतिबंधों को नैतिकता का आवरण देने की अतीत की कोशिशों को साहसिक तरीके से उजागर करने के लिए ये पुरस्कार दिया गया है। एरनॉक्स ने इस काम में अपने संस्मरणों का सहारा लिया है। नोबेल पुरस्कार कमेटी ने कहा कि, एनी लेखन की मुक्त शक्ति में विश्वास करती हैं। उनका काम तुलना से परे है और साधारण भाषा में लिखा साफ-सुथरा साहित्‍य है।

एनी एरनॉक्स ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लेखन वास्‍तव में एक राजनीतिक काम है जो सामाजिक असमानताओं के प्रति हमारी आंखें खोलता है। इस उद्देश्य के लिए वे भाषा का प्रयोग धारदार हथियार  के रूप में करती हैं ताकि वे कल्पना के पर्दों को उठा सकें।

1940 में जन्मी एनी एरनॉक्स ने फ्रेंच और अंग्रेजी में कई उपन्यास, लेख, नाटक और फिल्में लिखी हैं। वे फ्रांस के नॉर्मंडी के छोटे से शहर यवेटोट में पली-बढ़ीं। यहां उनके माता-पिता की एक किराने की दुकान और कैफे था। वे बचपन से ही काफी महत्वाकांक्षी थीं। उन्होंने अपने लेखन में विभिन्न तरीकों से लिंग, भाषा और वर्गों के आधार पर फैली असमानता का जिक्र किया। लेखन के क्षेत्र में उनका सफर काफी लंबा और कठिन रहा है।

ग्रामीण पृष्ठभूमि की होने के कारण एरनॉक्स के लेखन पर इसका प्रभाव देखने को मिलता है। उन्होंने एक डायरी के रूप में गद्य लेखन का प्रयास भी किया है। जर्नल डू डेहोर्स (1993; एक्सटीरियर्स, 1996) या ला वी एक्सटीरियर 1993-1999 (2000; थिंग्स सीन, 2010) जैसी किताबों में एनी ने अपने बचपन के लेखों को प्रकाशित किया है। एनी एरनॉक्स की पहली फिल्म लेस अरमोयर्स वीड्स (1974; क्लीन आउट, 1990) थी। ला प्लेस (1983; ए मैन्स प्लेस, 1992) नाम की अपनी किताब में उन्होंने केवल सौ पृष्ठों में उसने अपने पिता और उस संपूर्ण सामाजिक परिवेश का एक वैराग्यपूर्ण चित्र तैयार किया।

सलमान रुश्दी भी थे रेस में

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अकादमिक पुरस्कार के ऐलान से पहले भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी को इस वर्ष के साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिलने की संभावनाएं थीं। इस वर्ष अगस्त में न्यूयॉर्क में सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला किया गया थाय़ ये घटना उस समय हुई जब वे एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने गए हुए थे। सलमान रुश्दी 1988 में लिखे उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस के कारण चर्चा में आए थे। आरोप है कि रुश्दी ने इस उपन्यास में इस्लाम विरोधी टिप्पणियां की हैं। भारत सहित कई देशों में ये उपन्यास प्रतिबंधित है।

नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (तकरीबन 8.20 करोड़ रुपए) की राशि दी जाती है। स्वीडिश क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है। ये पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है। वर्ष 1901 से शुरू हुए नोबेल पुरस्कार के 119 साल के इतिहास में दो बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार स्थगित किया जा चुका है। 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे पहली बार स्थगित किया गया था। दूसरी बार इसे 2018 में स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना के पति और फ्रांसीसी फोटोग्राफर जेन क्लोड अरनॉल्ट पर यौन शोषण के आरोप लगने के कारण स्थगित कर दिया गया था।

फोटो सौजन्य़- सोशल मीडिया

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