Homeपरिदृश्यटॉप स्टोरीराजस्थान में सुलह-सफाई...क्या वास्तव में सचिन पायलट को कुछ हासिल हुआ...?

राजस्थान में सुलह-सफाई…क्या वास्तव में सचिन पायलट को कुछ हासिल हुआ…?

spot_img

नई दिल्ली / जयपुर ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र) :  राजस्थान में कांग्रेस के भीतर क्या सब कुछ सुलझ गया है ?  पार्टी आलाकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और बागी कांग्रेसी नेता सचिन पायलट के साथ मुलाकात की। इस मुलाकात में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा राहुल गांधी और के.सी.वेणुगोपाल भी शामिल थे। दावा किया गया कि दोनों नेताओं के बीच सुलह-सफाई हो गई है और सब मिलकर राज्य विधानसभा चुनावों में पार्टी को जिताने के लिए काम करेंगे।

लेकिन, क्या ऐसा सचमुच में है ?  दो ऐसे वाकये हुए हैं जिनके आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि जैसा बताया जा रहा है वैसा कुछ है नहीं। मुलाकात के ठीक बाद सचिन पायलट के बड़े पैरोकार और प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णन ने एक ट्वीट किया। ट्वीट में लिखा गया कि, ‘जब ‘5’ गांव देने के लिए भी ‘दुर्योधन’ तैयार नहीं होता तो फिर ‘महाभारत’ होता है। # Rajashthan politics.’ फिर अगले ही दिन सचिन पायलट टोंक की जन संघर्ष यात्रा पर निकल पड़ते हैं। यानी कुल मिलाकर आलाकमान चाहे जो कहे लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है।

आलाकमान के साथ मुलाकात में क्या हुआ ?

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ पार्टी आलाकमान के शीर्ष नेताओं की  मुलाकात में दोनों नेताओं से आग्रह किया गया कि विधानसभा चुनावों  को देखते हुए वे आपसी मतभेदों को किनारे रखते हुए मिलकर पार्टी हित में काम करें। सूत्रों के अनुसार ये भी स्पष्ट किया गया कि राज्य में फिलहाल संगठन और सरकार के नेतृत्व में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। सूत्रों ने ये जानकारी भी दी कि, सचिन पायलट से कहा गया है कि वे पार्टी को विधानसभा चुनावों में जीत दिलाएं। उनके साथ भी न्याय किया जाएगा। विश्वस्त सूत्रों ने ये जानकारी भी दी कि आलाकमान ने सचिन पायलट को राज्य में चुनाव अभियान समिति का नेतृत्व संभालने का प्रस्ताव भी दिया लेकिन फिलहाल सचिन पायलट को वो प्रस्ताव स्वीकार है या नहीं ये अभी स्पष्ट नहीं है।

यानी सब मिलाकर देखा जाए तो सारे संदेश सचिन पायलट के लिए ही थे। अशोक गहलोत की स्थिति में फिलहाल कोई बदलाव न तो हुआ और न ही उसकी कोई संभावना दिखी। पार्टी का मैसेज बहुत साफ था। अशोक गहलोत ही राजस्थान में पार्टी के ‘बॉस हैं और रहेंगे’, सचिन पायलट को उनके साथ तालमेल में चलना होगा, पार्टी को चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दोनों नेताओं की है और चुनाव बाद सचिन पायलट के साथ ‘न्याय’ होगा।

क्या सचिन पायलट का दबाव बेअसर रहा ?

कुल मिलाकर देखा जाए तो पिछले दिनों सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अदावत में जितने मोर्चे खोले थे वे सारे के सारे बेकार होते दिख रहे हैं। सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे। आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंघरा राजे सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। उसके बाद सरकार पर कार्रवाई  का दबाव बनाने के लिए अजमेर से जय़पुर तक जनसंघर्ष यात्रा की। लेकिन, फिर भी बात  बनी नहीं।

क्या गहलोत और मजबूत हुए ?

सूत्रों की माने तो राजस्थान के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की स्थिति और मजबूत हुई है। पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट को ऐसा कुछ नहीं दिया जो वे चाहते थे। वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र भारद्वाज के अनुसार, ‘सचिन पाय़लट की राजनीतिक रस्साकशी से ऊपरी तौर पर पार्टी में हलचल दिखाई देती है लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। अशोक गहलोत एक मंजे हुए राजनीतिक खिलाड़ी हैं। उन्हें हालात को मैनेज करना आता है। दरअसल, सचिन पायलट की उछलकूद ने उनका ही कद घटाया है। आज उनके पास शायद उतने भी विधायक नहीं जो मानेसर में उनके साथ गए थे।’ भारद्वाज बताते हैं कि, ‘सचिन पायलट की दिल्ली के मीडिया में अच्छी पकड़ है। वे टेलीजेनिक हैं, हिंदी-अंग्रेजी अच्छी बोलते हैं लेकिन राजनीति में जो चीज़ सबसे ज्यादा अहमियत रखती है वो है जनाधार और विधायकों की बैकिंग। इस मामले में वे गहलोत के मुकाबले बहुत कच्चे हैं। इस बात को आलाकमान भी जानता है, शायद इसीलिए हर बार सचिन पायलट को कुछ न कुछ नई घुट्टी पिला कर किनारे कर दिया जाता है। सचिन पायलट की भी अपनी राजनीतिक विवशता है वे करें भी तो क्या करें। उनके पास मौजूदा राजनीतिक हालात में कोई दूसरा विकल्प भी नहीं।’

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया   

 

Print Friendly, PDF & Email
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

- Advertisment -spot_img

Recent Comments