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सरकारी खर्च पर नियंत्रण के साथ बड़े घाटे से बचना जरूरी : रघुराम राजन

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नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : एक फरवरी को बजट आने जा रहा है ऐसे में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सरकार को आगाह किया है कि वो अपने खर्च पर काबू रखे और बड़े घाटे से बचे। उन्होंने कहा कि सरकार को कोरोना महामारी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था में के-शेप रिकवरी रोकने के लिए और कदम उठाने चाहिए। राजन ने कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने होंगे जिससे कि आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़े।

एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में रघुराम राजन ने कहा कि, भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे हैं और सरकार को अपने खर्च पर ख़ास ध्यान देना होगा जिससे कि कोई बड़ा घाटा न होने पाए। रिजर्व बहैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि, सरकार को कोरोना महामारी की मार झेल रही अर्थव्यवस्था में के-शेप रिकवरी रोकने के लिए और कदम उठाने चाहिए। दरअसल, के- शेप रिकवरी ऐसी स्थिति है जहां टेक्नोलॉजी और दूसरी बड़ी कैपिटल फर्म, छोटे कारोबार और उद्योगों की अपेक्षा तेजी से रिकवर करती हैं। रघुराम राजन का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, छोटे और मझोले क्षेत्रो के साथ बच्चों को लेकर है।

रघुराम राजन ने कहा कि, भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ चमकीले तो कई काले धब्बे हैं। यहां ‘चमकीले धब्बे’ से राजन का मतलब ऐसी बड़े फर्मों से है जो तेजी से प्रगति कर रही हैं। आईटी और आईटी से जुड़े क्षेत्र भी अच्छा कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ़ ‘काले धब्बे’ से राजन का मतलब बढ़ती बेरोज़गारी और कम क्रय शक्ति से है। निम्न मध्यम वर्ग में ये ज़्यादा बड़ी चिंता है। साथ ही जो छोटे और मझोली फर्म हैं उन्हें जिस तरीक़े का आर्थिक दबाव झेलना पड़ रहा है इसे भी राजन ने ”काले धब्बे” के तौर पर बताया है।

रघुराम राजन ने कहा है कि मेडिकल और आर्थिक गतिविधियों दोनों ही लिहाज़ से ओमीक्रॉन एक बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि सरकार को आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए कदम उठाने होंगे।

खस्ताहाल क्षेत्रो में खर्च जरूरी

पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा कि, सरकार ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करे जहां हाल बहुत खराब है वहां सरकार को खुद खर्च बढ़ाना चाहिए। रघुराम राजन ने कहा कि, महामारी के शुरू होने के पहले भी भारत की राजकोषीय स्थिति अच्छी नहीं थी और यही वजह है कि वित्त मंत्री खुले हाथों से ख़र्च नहीं कर सकतीं। राजन ने कहा कि, हमें खर्चों के बारे में ध्यान से सोचना होगा ताकि भारी घाटा न हो जाए।  राजन ने कहा कि महंगाई आज दुनिया के हर देश के लिए चुनौती है और भारत भी कोई अपवाद नहीं।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया

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