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सीधे-सीधे तो नहीं, लेकिन घुमा कर काफी कुछ कह दिया मिस यूनिवर्स ने…. !

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मुंबई ( गणतंत्र भारत के लिए शोध डेस्क) : मिस यूनिवर्स  हरनाज संधू ने हिजाब सहित विभिन्न मसलों पर लड़कियों को कठघरे में खड़ा करने की प्रवृत्ति पर रोष जाहिर किया है और उस पर रोक लगाने की अपील की है। संधू ने कहा है कि लड़कियां जैसा चाहती हैं उन्हें वैसे जीने दें।

पिछली 17 मार्च को मिस यूनिवर्स की घर वापसी के सम्मान में आयोजित एक सामरोह में एक पत्रकार ने उनसे इस बारे में उनके विचार के बारे में पूछा लिया। इसके जवाब में संधू ने ये जवाब दिया। बाद में सोशल मीडिया पर इस सामरोह से संबंधित क्लिप वायरल हो गई।

संधू से जैसे ही ये सवाल पूछा गया आयोजकों ने दखल देते हुए पत्रकार से किसी भी राजनीतिक सवाल को न पूछने का आग्रह किया। आयोजकों ने कहा कि वे संधू से उनकी यात्रा, सफलता और प्रेरणास्रोतों के बारे में सवाल पूछें।

पत्रकार के सवाल का रंग भले ही राजनीतिक रहा हो लेकिन संधू ने बखूबी उसे सामाजिक बनाते हुए जवाब दिया। संधू ने जवाब में समाज में लड़कियों को निशाना बनाए जाने पर नाराजगी अपनी प्रकट की। उन्होंने कहा कि,  ईमानदारी से बताइए, आप हमेशा लड़कियों को ही क्यों निशाना बनाते हैं ? अब भी आप मुझे निशाना बना रहे हैं। जैसे, हिजाब के मुद्दे पर लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें (लड़कियों को) उनकी मर्जी से जीने दीजिए।  उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचने दीजिए,  उन्हें उड़ने दीजिए। उनके पंख मत काटिए। काटने ही हैं तो अपने पंख काटिए।

संधू का जवाब भले ही लड़कियों की आजादी से जुड़ा लगे लेकिन उन्होंने इसी बहाने राजनीतिक और सामाजिक तानेबाने पर सवाल खड़ा कर दिया।

आपको बता दें कि, कर्नाटक हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने हाल में उन याचिकाओं को  खारिज  कर दिया था, जिनमें शैक्षणिक संस्थानों की कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति मांगी गई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा नहीं है और शैक्षणिक संस्थानों में निर्धारित पोशाक यानी यूनीफॉर्म के नियम का पालन किया जाना चाहिए। कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका फिलहाल लंबित है।

हिजाब का विवाद कर्नाटक के  उडुप्पी  जिले के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में सबसे पहले तब शुरू हुआ था, जब छह लड़कियां पिछले साल दिसंबर में हिजाब पहनकर कक्षा में आईं और उन्हें कॉलेज में प्रवेश से रोक दिया गया। उनके हिजाब पहनने के जवाब में कॉलेज में कुछ हिंदू विद्यार्थी भगवा गमछा पहनकर आने लगे। धीरे-धीरे ये विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का माहौल पैदा हो गया था। इस विवाद के बीच इन छह में से एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके कक्षा के भीतर हिजाब पहनने का अधिकार दिए जाने का अनुरोध किया था।

कार्नाटक में आजकल राज्य शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है और फिलहाल अब तक राज्य में सिर्फ एक छात्रा ने हिजाब को लेकर परीक्षा का बहिष्कार किया हैं।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया  

 

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