लखनऊ (गणतंत्र भारत के लिए हरीश मिश्र ) : मौका था पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन का। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। मोदी एक्सप्रेस वे पर एक विमान के जरिए पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के स्वागत के बाद प्रधानमंत्री को मंच की तरफ जाना था। नरेंद्र मोदी खुद तो बंद गाड़ी में बैठ कर चल दिए और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ प्रधानमंत्री के वाहन के पीछे पैदल चलते हुए मंच तक पहुंचे। हो सकता है ये सब अनजाने में हो गया हो। लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य और उस राज्य़ के मुख्यमंत्री के साथ ऐसा होना थोड़ा अजीब जरूर है।
घटना का वीडियो वायरल हुआ तो राजनीति में विरोधियों को इस घटना ने मौका दे दिया। चुनाव नजदीक है तो विपक्ष वायरल फोटो को लेकर कुछ ज्यादा ही सक्रिय है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा कि, तुमने हमारी आवभगत का अच्छा सिला दिया, जनता से पहले तुमने ही हमें पैदल कर दिया। इसके आगे अखिलेश ने लिखा कि बड़े बेआबरू होकर इन सड़कों से हम गुजरे।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस का ट्वीट है कि ‘कागजी नम्बर वन का ऐसा हुआ हाल, योगी-मोदी के घमासान में यूपी का हाल हुआ बेहाल।’
सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली पत्रकार रोहिणी सिंह ने इस प्रकरण पर चुटकी ली। उन्होंने लिखा, ‘अकेले-अकेले कहां जा रहे हो, हमें साथ ले लो जहां जा रहे हो।’
बीजेपी से नाता तोड़ समाजवादी पार्टी का साथ कर चुके ओम प्रकाश राजभर ने लिखा कि, ‘बड़े साहब ने छोटे साहब को अभी से पैदल कर दिया, लगता है कि आभास हो गया है। 2022 मेँ जनता इनको अपने वोट से पैदल करने जा रही है। यह तो ठाकुर / क्षत्रिय का अपमान है। एक राज्य का सीएम वोट पड़ने से पहले ही पैदल कर दिया गया। उत्तर प्रदेश की जनता का जनादेश बीजेपी के खिलाफ असर दिखाने लगा है।
आम आदमी पार्टी भी योगी की इस फोटो पर कहां चूकती। उसके नेता राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने भी चुटकी ली। संजय सिंह ने लिखा, ‘ये तो बिल्कुल बेइज्जती है, मोदी जी खुद तो आप आलीशान गाड़ी में बैठ गए और हमारे मुख्यमंत्री जी को सड़क पर अकेला छोड़ दिया।’
यही नहीं, प्रदेश के पूर्व आईएस अधिकारी भी योगी जी का मजाक बनाने से नहीं चूक रहे। डॉ. सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट किया, ‘बड़े साहब गाड़ी से आगे-आगे चल रहे हैं। और हमारे गोरखनाथ मठ के पीठाधीश्वर एवं राजनीतिक दृष्टिकोंण से भारत के सबसे बड़े एवं शक्तिशाली प्रदेश के मुख्यमंत्री सुरक्षाकर्मियों के साथ पैदल चल रहे हैं। ये प्रदेश के समस्त संत समाज का घोर अपमान है। हम इसकी निन्दा और भर्त्सना करते हैं।’
मामला ज्यादा गरमाता देख बीजेपी बचाव में सक्रिय हुई। मामला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के लेबल का था तो कोई भी खुलकर कुछ कहने से बच रहा था। एक सज्जन आशुतोष शुक्ल समाने आए। उन्होंने बचाव में हमला कांग्रेस के ऊपर किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के जमाने की याद दिलाई। लिखा कि, इस सादगी पे कौन न फिदा हो जाए, साधारण सी कुर्सी पर एक साथ बैठे असाधारण लोग, कांग्रेस होती तो न ये काम होता न ये सादगी। मेरे योगी आदित्यनाथ को मांगे जनता यूपी की हर बार। उन्होंने ये भी लिखा कि कांग्रेस संस्कार संस्कृति से दूर है, सम्मान आदर करना सीखिए, याद आया मनमोहन सर का अपमान सोनिया मैडम कैसे करती थीं।
सत्ता के खेल में राजनीतिक रस्साकशी तो होती रहती है लेकिन मुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार उत्तर प्रदेश के आम लोगों को भी बुरा लगा। देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश का एक दबदबा है। उसके दम पर दिल्ली की कुर्सी की मजबूती तय होती है और ऐसे राज्य के मुख्यमंत्री के साथ ऐसा व्यवहार गले उतरने वाली बात नहीं है चाहे ये घटना अनजाने में ही क्यों न हुई हो।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया