Homeपरिदृश्यटॉप स्टोरीसरहद शांत...लेकिन सोशल मीडिया पर जारी है एक ‘छद्म युद्ध’...!

सरहद शांत…लेकिन सोशल मीडिया पर जारी है एक ‘छद्म युद्ध’…!

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नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए लेखराज ) : अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन की सीमा पर झड़प की खबरों के बीच दोनों देशों के संबंधों में तनातनी जारी है। मीडिया और खासतौर पर टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर तो दोनों देशों में छद्म युद्ध ही लड़ा जा रहा है। भारतीय टीवी चैनलों में तवांग में भारतीय सैनिकों के शौर्य़ को समझाया जा रहा है तो चीनी मीडिया में तवांग को लेकर विपरीत खबरें हैं।

चीनी राष्ट्रवादियों ने तवांग में चीनी सेना के कथित पराक्रम की गाथा से सोशल मीडिया को पाट दिया है। झड़प की खबर पहले भारतीय मीडिया में आई। भारतीय मीडिया में इस खबर के ब्रेक होने के कुछ घंटों बाद ही ग्लोबल टाइम्स के पूर्व प्रधान संपादक, हू शीजिन की ओर से सबसे पहली टिप्पणी आई। वीबो पर एक लंबे पोस्ट में हू शीजिन ने लिखा कि, झड़प में कई भारतीय और चीनी सैनिक घायल हो गए, लेकिन कोई भी मारा नहीं गया। कुछ रूसी मीडिया की खबरों के मुताबिक, कम से कम छह भारतीय सैनिक घायल हो गए। इस खबर की न तो चीनी और न ही भारतीय अधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर पुष्टि की है।…. संभव है कि दोनों पक्ष इस मामले को सुलझाने में व्यस्त हों।

चीन के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी आने के बाद, सिना वीबो पर हैशटैग ‘चीन-भारत सीमा पर झड़प के भारतीय मीडिया के दावे पर चीन का जवाब’ ट्रेंड करने लगा। वीबो पर इस हैशटैग को 16 करोड़ बार देखा गया। चीनी सरकारी मीडिया इस खबर पर चुप्पी साधे हुआ था। इस दौरान  वीबो प्लेटफॉर्म ही चीन के लोगों के लिए सूचना का जरिया बना था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अलावा, रूस के स्पुतनिक और भारतीय समाचार एजेंसियों की रिपोर्ट से भी चीन के लोग एलएसी के घटनाक्रम के बारे में जानकारी ले रहे थे।

चीनी सोशल मीडिया के राष्ट्रवादी अफसाने में भारतीय सेना को दोषी ठहराया गया कि उसने चीन के इलाके में घुसने की कोशिश की। गलवान घाटी झड़प के बाद भी चीन ने ऐसा ही सार्वजनिक स्पष्टीकरण दिया था।

वीबो पर बिग रेड स्पीयर नाम के अकाउंट से टिप्पणी की गई कि, 9 दिसंबर को भारतीय सैनिकों की झड़प यांगत्से (जिसे चीन में डोंगझांग कहा जाता है) के पास चीनी सैनिकों से हुई। दोनों तरफ के सैनिक घायल हो गए, लेकिन किसी की जान नहीं गई। बेशक, भारतीय मीडिया ये जरूर कहेगा कि चीनी सैनिक ज्यादा घायल हैं।

भारत में सोशल मीडिया में चीनियों को पीटते भारतीय सैनिकों का वीडियो छाया

तवांग में हुई झड़प की खबरों के सामने आने के बाद भारतीय सोशल मीडिया में एक पुराना वीडियो ट्रेंड करने लगा। इस वीडियो में भारतीय सैनिक अपने क्षेत्र में घुस आए चीनी सैनिकों को डंडे से पीट कर भगा रहे हैं। बाद में भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि ये वीडियो पुराना है और तवांग में हुई झड़प का नहीं है। इस वीडियो पर सेना के पराक्रम को सलाम करते हुए राष्ट्रवादी टिप्पणियां की गई। संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान को भी सोशल मीडिया पर खूब प्रचारित किया गया।

हालांकि, भारत में चीन सीमा पर हालात के बारे में एक वर्ग पहले से ही सरकार की दावों और चुप्पी पर सवाल उठाता रहा है। बीजेपी नेता सुब्रमणियम स्वामी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सरकार पर इस मामले में वस्तुस्थिति छिपाने और गलत तथ्यों को पेश करने का आरोप लगाते रहे हैं। सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी वर्ग ने इन दोनों नेताओं के ट्वीट्स को जम कर प्रतारित किया।

ट्विटर पर एक यूज़र ने लिखा कि, सरकार की हकीकत जाननी हो तो स्वामी जी के ट्वीट्स से समझो, सरकार को सच से एलर्जी है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि, आर्थिक मोर्चा हो या चीन के साथ सीमा विवाद डॉ. स्वामी ने जो कुछ भी कहा वो सच निकला। सरकार की चुप्पी भ्रम को और बढ़ाने वाली है।

फोटो सौजन्य़- सोशल मीडिया

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