Homeइन फोकसआलेखक्या राहुल गांधी सचमुच में भारतीय राजनीति के पप्पू हैं ?

क्या राहुल गांधी सचमुच में भारतीय राजनीति के पप्पू हैं ?

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नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए आशीष मिश्र ): राहुल गांधी ने संसद में चीन सीमा पर हालात को लेकर प्रधानमंत्री को क्या घेरा बीजेपी के तमाम नेताओं ने राहुल गांधी को कुंद बुद्धि, कुतर्की, बेवकूफ और चिर-परिचित विशेषण पप्पू की उपमा से नवाजना शुरू कर दिया। ये पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी को लेकर बीजेपी इतनी आक्रामक और हमलावर मूड में है। सवाल ये है कि राहुल गांधी राजनीति में क्या सचमुच में पप्पू हैं या ये पप्पू प्रलाप कहीं बीजेपी पर ही तो नहीं भारी पड़ रहा ?

पहले जानिए, बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने राहुल गाधी के आरोपों पर क्या कहा। उन्होंने कहा कि, कोई सामान्‍य बुद्धि का व्‍यक्ति तो इस तरह के बेवकूफी भरे बयान दे नहीं सकता। ये कुंद बुद्धि और कुतर्की बोल है। उससे भी महत्‍वपूर्ण है कि जिस तरह कुंदबुद्धि से भरपूर पप्‍पू जी के इस तरह के बयान आ रहे है, वो देश के लोगों के बीच में कांग्रेस का और बंटाधार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के मित्रों को बिना मांगी हुई सलाह दे रहा हूं कि, पप्‍पू जी का कोच बदल दें और कोचिंग भी बदल दें। अन्‍यथा हर दिन ये पप्‍पू जी नो बॉल करते रहेंगे और रनआउट होते रहेंगे। नकवी ने कहा कि, ये कुंदबुद्धि व्‍यक्ति देश को बदनाम करने की साजिशी सुपारी के तहत काम कर रहा है।

राहुल ने क्या कहा

लोकसभा में राहुल गांधी ने चीन सीमा पर हालात के बारे में जो बयान दिया था उसे भी जानना जरूरी है :

राहुल ने कहा था कि, मिस्‍टर मोदी ने हमारा इलाका चीनियों को क्‍यों दे दिया है? प्रधानमंत्री एक कायर हैं जो चीन के सामने खड़े नहीं हो सकते। यही तथ्‍य है। वे सेना के बलिदान पर थूक रहे हैं, वे यही कर रहे हैं। वे सेना के त्‍याग का अपमान कर रहे हैं। भारत में किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। हिंदुस्‍तान की सरकार की नेगोशिएटिंग पोजीशन थी कि अप्रैल 2020 में जो हालात थे, वही बहाल हो। उसको सरकार भूल गई। चीन के सामने नरेंद्र मोदी ने अपना सिर झुका दिया। माथा टेक दिया। हमारी जमीन फिंगर 4 तक है। नरेंद्र मोदी ने फिंगर 3 से फिंगर 4 की जमीन चीन को पकड़ा दी।

बीजेपी क्यों है इतनी हमलावर ?

राजनीतिक विश्लेषक एन रामामूर्ति मानते हैं कि, बीजेपी के सामने आज भी नेहरू-गांधी परिवार सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले दिनों जिस तरह के हालात बने उसमें राहुल एक आक्रामक, मुखऱ और सरकार से मोर्चा लेने वाले नेता के रूप में उभरे। बीजेपी को ये अच्छे से पता है कि अगर राहुल को सही तरीके से घेर लिया तो विपक्ष की लामबंदी को झटका लगेगा। उऩका कहना है कि, राहुल गांधी निजी तौर पर नरेंद्र मोदी पर हमलावर इसी लिए रहते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि इसके प्रतिवाद में बीजेपी राहुल पर निजी हमले करेगी और वे लगातार फ्रंट से लीड करते रहेंगे।

रामामूर्ति बताते हैं कि, राहुल को पप्पू की उपमा देने वाले आम आदमी पार्टी के एक नेता थे जो राजनीति में आज खुद हाशिए पर जा चुके हैं। चीन सीमा पर हालात जैसे तमाम मुद्दों , पर सरकार की तरफ से गोलमोल जवाब से और ज्यादा भ्रम की स्थिति बनती है और लोगों को राहुल की बात में दम नजर आने लगता है। राहुल पर बीजेपी नेताओं के ऊंटपटांग बोल बैकफायर करते हैं, ठीक उसी तरह से जैसे कि चौकीदार चोर है का चुनावी नारा राहुल को ले डूबा था। दिक्कत ये है कि मुखर राष्ट्रवाद के नाम पर जिस तरह की जमात राजनीति में आ गई है वो इसी तरह की भाषा शैली की पैरोकार है और ये देर सबेर पार्टी को नुकसान ही पहुंचाने वाली है।

रामामूर्ति का कहना है कि, किसान आंदोलन और चीन दो ऐसे मुद्दे हैं जिस पर सरकार खुद पसोपेश में है और इसका फायदा विपक्ष को मिल रहा है। सरकार को चाहिए कि वो चीन सीमा पर हालात की वास्तविक स्थिति जनता के सामने लाने के लिए सीमा पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे और देश को वास्तविक स्थिति से अवगत कराए। मनमोहन सिंह के समय ऐसा हो चुका है।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया     

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