नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री ने खुद एक बयान में कहा कि दशकों तक इस देश पर राज करने वाले कृषि कानूनों पर देश में भ्रम फैलाते रहे।
कृषि कानूनों का वापसी की घोषणा के बाद तमाम विपक्षी नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री पर जबरदस्त हमला बोला। प्रियंका गांधी ने कहा कि, अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी। 600 से अधिक किसानों की शहादत, 350 से अधिक दिन का संघर्ष, मोदी जी आपके मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल कर मार डाला, आपको कोई परवाह नहीं थी। आपकी पार्टी के नेताओं ने किसानों का अपमान करते हुए उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, गुंडे, उपद्रवी कहा। आपने ख़ुद आंदोलनजीवी बोला उन पर लाठियां बरसाईं, उन्हें गिरफ़्तार किया। अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी कि ये देश किसानों ने बनाया है। ये देश किसानों का है। किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती। आपकी नीयत और आपके बदलते हुए रुख़ पर विश्वास करना मुश्किल है।
राहुल गांधी
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के ख़िलाफ़ ये जीत मुबारक हो!
ममता बनर्जी
लगातार लड़ने वाले और बीजेपी की क्रूरता के आगे न झुकने वाले हर एक किसान को मेरी ओर से बधाई। इस लड़ाई में अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदना।
अखिलेश यादव
अमीरों की बीजेपी ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। बीजेपी बताए सैकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी ?
असदुद्दीन ओवैसी
ओवैसी एक शेर में लिखा है, “दहन पर हैं उन के गुमां कैसे-कैसे, कलाम आते हैं दरमियां कैसे-कैसे, ज़मीन-ए-चमन गुल खिलाती है क्या-क्या, बदलता है रंग आसमां कैसे-कैसे।
ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि, ‘कृषि क़ानून शुरू से ही असंवैधानिक था। सरकार के अहंकार के कारण किसानों को सड़क पर उतरना पड़ा। अगर सरकार बाल हठ नहीं करती तो 700 से ज़्यादा किसानों की जान नहीं जाती। किसान आंदोलन को बधाई। पंजाब और उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पतली हालत को देखते हुए मोदी के पास और कोई विकल्प नहीं था।
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