मुंबई (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : आर्यन खान केस के कारण महाराष्ट्र की राजनीति में रोज ब रोज नए – नए आरोप- प्रत्यारोप लगाने का क्रम जारी है। हालांकि बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि वे दिवाली के बाद इस मामले में बम फोडेंगे लेकिन दिवाली के बाद एक बार फिर आरोप लगाने का सिलसिला एनसीपी नेता नवाब मलिक की तरफ से शुरू हुआ है।
नवाब मलिक ने ट्वीट करके आरोप लगाया है कि आर्यन खान को समीर वानखेड़े ने किडनैप किया था और उनसे फिरौती मांगी थी। मलिक ने अपने ट्वीट में लिखा कि, समीर दाऊद वानखेड़े ने आर्यन खान को अगवा किया और फिरौती मांगी। इस मामले की जांच के लिए मैंने एसआईटी गठित करने की मांग की थी, लेकिन अब दो स्पेशल इन्वेस्टिगेटिंग टीम बनाई गई हैं। एक टीम केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई है, जबकि दूसरी राज्य सरकार की तरफ से। अब देखना ये होगा कि कौन सबसे पहले इस पूरे मामले की तह तक जाकर असलियत जनता के सामने लाती है।
बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक नवंबर को ट्वीट करके कहा था कि दिवाली के बाद वे बड़ा धमाका करेंगे। इससे पहले, नवाब मलिक ने फडणवीस पर भी बेहद संगीन आरोप लगाए थे। मलिक ने कहा था कि मुंबई, महाराष्ट्र और गोवा में ड्रग्स का कारोबार देवेंद्र फडणवीस के संरक्षण में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस मामले की भी जांच करवाई जाएगी।
फडणवीस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज़ करते हुए कहा था कि वे दिवाली के बाद इन आरोपों का पुख्ता जवाब देंगे। देवेंद्र फडणवीस ने अपने ट्वीट में कहा था कि नवाब मलिक ने दिवाली से पहले एक फुलझड़ी जलाई है, दिवाली बीतने दो मैं बम फोड़ूंगा। उन्होंने कहा कि नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड के क्या संबंध है जल्द ही मैं ये सबूतों के साथ सामने लाऊंगा। इसके सबूत मैं शरद पवार को भी दूंगा। शुरुआत उन्होंने की है इसे अंत तक ले जाने का काम मैं करूंगा।
आर्यन खान केस से हटाए गए समीर वानखेड़े
आर्यन खान मामले की जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखेड़े को इस केस की जांच से अलग कर दिया गया है। इस केस के अलावा पांच और दूसरे केसों की जांच भी उनसे वापस ले ली गई गई है। आर्यन खान केस की जांच अब दिल्ली से आए आईपीएस अधिकारी संजय कुमार सिंह को सौंपी गई है।
वानखेडे पर संगीन आरोप
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर कई संगीन आरोप लगाए थे। हालांकि समीर वानखेड़े ने इन आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए भी समीर वानखेड़े ने बंबई हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर समीर वानखेड़े की गिरप्तारी की जानी है तो कम से कम 72 घंटे पहले इसकी जानकारी उन्हें दी जानी चाहिए।
फोटो सौजन्य – सोशल मीडिया