Homeपरिदृश्यटॉप स्टोरीसिर्फ दो स्लाइडें या प्रशांत किशोर की कांग्रेस में नो इंट्री की...

सिर्फ दो स्लाइडें या प्रशांत किशोर की कांग्रेस में नो इंट्री की कुछ और है कहानी?

spot_img

नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए लेखराज) :  क्या प्रशांत किशोर जो बता रहे हैं और कांग्रेस जो समझा रही है वही वजहें, पीके को कांग्रेस से दूर रखने के असली कारण है? विश्वस्त सूत्रों के मानें तो कहानी कुछ और भी है। कांग्रेस के ताकतवर और वरिष्ठ नेताओं का एक बड़ा तबका प्रशांत किशोर को लेकऱ असहज था और उनकी गतिविधियों पर बहुत करीब से निगाह रख रहा था। इसी तबके ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ये समझाने में कामयाबी हासिल कर ली कि प्रशांत किशोर की निष्ठा हमेशा से संदेहास्पद रही है और कहीं ऐसा न हो वे पार्टी के लिए फायदेमंद कम नुकसानदेह ज्यादा साबित हों।

फौरी तौर दो खास बाते रहीं। प्रशांत किशोर की नवजोत सिंह सिद्धू से निकटता और दूसरी तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के साथ उनकी मुलाकात और उनकी कंपनी आईपैक का टीआरएस के लिए रणनीति तैयार करने का समझौता। सोनिया गांधी प्रशांत किशोर को 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में ऱख कर बनाए गए इंपावर्ड ग्रुप का सदस्य बनाना चाहती थीं जो पार्टी को फिर से मजबूत बनाने के रणनीति पर काम करता। इस समूह में कांग्रेस के तमाम दूसरे ताकतवर नेताओं के साथ प्रशांत किशोर भी होते। लेकिन प्रशांत किशोर इसके लिए झिझक रहे थे।

इसी बीच, प्रशांत किशोर की नवजोत सिंह सिद्धू से निकटता और चंद्रशेखर राव से मुलाकात की बातें सार्वजनिक हुईं। बस, प्रशांत किशोर को फूटी आंख न देखने वाले नेताओं ने सोनिया गांधी को चेता दिया कि प्रशांत किशोर पर जरूरत से ज्यादा भरोसा पार्टी के लिए ठीक नहीं। इन नेताओं ने ही सोनिया गांधी को सलाह दी कि भले ही पार्टी उन्हें इंपॉवर्ड ग्रुप का सदस्य बनाए लेकिन उन्हें आगे की रणनीति इस समूह के दूसरे सदस्यों के साथ ही मिल कर बनानी होगी और उन्हें फ्री हैंड नहीं मिलना चाहिए।

बात यहीं से बिगड़ना शुरू हुई। प्रशांत किशोर ने अपने 600 स्लाइडों के प्रेजेंटेशन में प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष और खुद के लिए फ्री हैंड के अलावा ये भी कहा कि, पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद के चेहरे को अलग-अलग रखना चाहिए। फ्री हैंड की मांग को किसी भी कीमत पर मानने के लिए पार्टी और उसके ताकतवर नेता तैय़ार नहीं थे। इसी बीच नवजोत सिद्धू और चंद्रशेखर राव का मामला सामने आ गया और प्रशांत किशोर की कांग्रेस में इंट्री रोक दी गई।

आपको बता दें कि, प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, जेडी –यू  और दूसरे दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम कर चुके हैं और अब उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति के लिए चुनावी रणनीति को तैयार करने का काम हाथ में लिया है। वे पिछले महीनों में विपक्षी एकता के लिए भी काफी सक्रिय रहे। उन्होंने एक बार तो यहां तक कह दिया था कि वे चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं लेकिन बार-बार वे अपनी बात से पलटते रहे है और इसी कारण उनकी निष्ठा पर हमेशा संदेह उठता रहा है।

फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया     

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

- Advertisment -spot_img

Recent Comments