नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्स) : जैसी कि आशंका थी, रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया। राजधानी कीव पर मिसइलों से हमले हो रहे हैं। एजेंसी की खबरों के अनुसार, करीब 300 लोग इन हमलों मे मारे गए हैं। लोग घरों में कौद हो गए हैं। यूक्रेन के एयरस्पेस को बंद कर दिया गया है और देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। अमेरिका के अलावा नाटों देशों ने रूस की कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा है कि यूक्रेन में जो हो रहा है और उसकी प्रतिक्रिया में जो होने वाला है उसके लिए पूरी तरह से रूस ही जिम्मेदार होगा। सवाल ये कि कया दुनिया के लिए एक महायुद्ध की आहट है?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की ने देश पर मिसाइल हमले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन के इंफ़्रास्ट्रक्चर और बॉर्डर गार्ड्स पर मिसाइल हमला किया है। उन्होंने आगे कहा कि , यूक्रेन अपना बचाव करेगा और जीतेगा। दुनिया पुतिन को बिल्कुल रोक सकती है। अब कार्रवाई का समय आ गया है।
उधर, रूस ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि, अगर कोई भी देश रूस के खिलाफ कोई कदम उठाता है तो रूस जवाब देने में देर नहीं लगाएगा। य़े लड़ाई रूस की आत्मरक्षा की लड़ाई है। नाटो देशों ने रूस की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। नाटो देशो की बैठक बुलाई गई है और वे अपनी बैठक में तय़ करेंगे कि क्या कार्रवाई की जाए।
पुतिन ने क्या कहा
इस बीच, रूस ने कहा है कि, यूक्रेन पर कब्जे की उसकी कोई योजना नहीं है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि, यूक्रेन के लोग ये चुनाव कर सकेंगे कि उनके देश को कौन चलाता है। उन्होंने यूक्रेन के सैनिकों से आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो जो भी ख़ून बहेगा, इसके लिए यूक्रेन ही ज़िम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि रूस न्याय और सच्चाई की लडाई लड़ रहा है।
अमेरिका ने क्या कहा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि यूक्रेन के हालात पर अमेरिका नजर बनाए हुए है और हम अपने सहयोगी राष्ट्रो के सथ मिलकर रूस को निर्णायक जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जी-7 देसों की बेठक बुलाई है और उसके बाद ही कोई कार्रवाई होगी। बाइडन ने कहा कि इस युद्ध के लिए केवल रूस ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने पहले से तय एक युद्ध को चुना है। इसमें बेगुनाह लोगों की जान जाएगी और ये मानव त्रासदी का कारण बनेगा।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के बारे में फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में कहा कि, उनके शासन में ऐसा नहीं हुआ होता। ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि यूक्रेन पर रूसी हमला कुछ हद तक अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी फ़ौज की वापसी से ज़ाहिर हुई कमज़ोरी का नतीजा भी है।
भारत कहां खड़ा है
रूस के हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई गई। बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने हालात को देखते हुए तत्काल तनाव कम करने की ज़रूरत बताई। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी इस मामले में राजनयिक पहल से मामला निपटाने का आग्रह किया था लेकिन तब विश्व समुदाय ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था। मूर्ति ने कहा कि यूक्रेन मे हालात खतरनाक हैं और दुनिया एक गहरे संकट की तरफ बढ़ रही है।
भारत ने कहा कि, हालात को संभाला नहीं गया तो क्षेत्र की शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। भारत ने ये भी कहा कि किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचने जरूरत है जिनसे हालात और बिगड़ सकते हों। भारत ने कहा कि वो सभी पक्षों के वैध सुरक्षा हितों का ध्यान रखने की अपील करता है।
कमजोर अमेरिका और चीन-रूस गठजोड
यूक्रेन पर जिस तरह रूस मे हमला किया और उस पर अमेरिका और नाटो देशों की प्रतिक्रिया दोखने को मिली है उससे साफ जाहिर होता है अमेरिका का दुनिया की राजनीति में वो दबदबा नहीं रहा जो कभी रहा करता था। पुतिन, जानते हैं बदलते हालात का फायदा उठाकर वो दुनिया पर अमेरिकी दबदबे को चुनौती दे सकते हैं। चीन ने इस मसले पर तटस्थ नीति अपना रखी है और एक तरह से वो रूस के पीछे खड़ा है। भारत के लिए पसोपेश वाली स्थिति है और अमेरिका के करीब होते हुए भी वो रूस को किसी भी कीमत पर नाराज नहीं कर सकता है।
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