लखनऊ ( गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान आवारा मवेशिय़ों का मामला काफी जोर-शोर से चर्चा में रहा था।। कहा जा रहा था कि योगी आदित्य नाथ की सरकार के खिलाफ इससे लोगों और खासकर किसानों में भारी नाराजगी है। मामला इतना गरम था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी चुनावी सभाओं में वायदा करना पड़ा कि दोबारा बीजेपी की सरकार बनने पर वे इस समस्या का तुरंत समाधान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की दोबारा सत्ता में वापसी हो गई और खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए एक योजना तैयार करवाई है जिस पर काम शुरू भी हो चुका है। राज्य के हर जिले में आवारा पशुओं की समस्या के समाधान का सीधा जिम्मा जिला मजिस्ट्रेट को सौंपा गया है। खबरों के अनुसार जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि इस योजना पर दूरगामी रणनीति के तहत अमल किया जाए और ये ध्यान ऱखा जाए कि पशुओं के शेल्टर होम में पशुओं के चारे-पानी का उचित बंदोबस्त हो। आदेश में कहा गया है गौधन के गोबर का इस्तेमाल बाय़ो गैस, उपले और खाद के रूप में हो सके इसके लिए जरूरी ढांचागत सुविधाओं को उपलब्ध कराया जाए। जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इन शेल्टर होम्स में पशुओं के स्वास्थ्य के उचित देखभाल की व्य़वस्था की जानी चाहिए।
अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने इस पहल के बारे में एक रिपोर्ट छापी है। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजना में 100 दिनों के अंदर 50,000 आवारा जानवरों को शेल्टर मुहैया करवाया जाएगा। छह महीने में ये संख्या एक लाख तक जाएगी। इसके अलावा पूरे राज्य में गऊ अभयारण्य, 50 मेगा गऊ शेल्टर्स बनाए जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, हर ज़िला मजिस्ट्रेट को लक्ष्य दिया गया है कि वो 15 अप्रैल से हर दिन कम से कम 10 आवारा गायों को शेल्टर में पहुंचाएं।
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