नई दिल्ली ( गणतंत्र भारत के लिए एजेंसियां) : क्या गौतम अदानी और हिंडनबर्ग रिसर्च के बीच मामला आदालत में जाने वाला है। अदानी समूह ने रिपोर्ट को बेबुनियाद बताते हुए इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। उधर, हिंडनबर्ग रिसर्च ने जवाब में कहा है कि वो अपने शोध और रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है और कानूनी विवाद होने की स्थिति में अदालत में वो अदानी का स्वागत करेगी। 27 जनवरी को अदानी ग्रुप के शेयरों का सार्वजिनक बिक्री शुरू हो रही है। ऐसे में सवाल ये है क्या इससे वाकई अदानी की आर्थिक सेहत पर कोई असर पड़ेगा और इस रिपोर्ट को इस समय सार्वजनिक करने के पीछे की कहीं कोई समझी रणनीति तो नहीं?
रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अदानी समूह की कंपनियों के शेयरों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। अनुमान लगाया गया है कि कंपनी को एक झटके में करीब 50 हजार करोड़ रुपयों का घाटा हो गया। 27 जनवरी को कंपनी के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री शुरू हो रही है और कंपनी के लिए चिंता की सबसे बड़ी बात यही है कि इस रिपोर्ट से उसके कारोबार पर उल्टा असर पड़ने का अंदेशा है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अदानी समूह पर कारपोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। रिपोर्ट ने मॉरिशस और कैरिबियन द्वीपों के टैक्स हैवेन देशों में मौजूद कंपनियों पर अदानी ग्रुप की मिल्कियत पर सवाल खड़ा किया है। रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अदानी की कंपनियों पर पर्याप्त क़र्ज़ है जो पूरे ग्रुप को वित्तीय तौर पर बहुत जोख़िम में डालता है। हिंडनबर्ग ‘शॉर्ट सेलिंग’ की स्पेलिस्ट है यानी वो ऐसी कंपनियों के शेयर में सट्टा लगाती है जिनके भाव गिरने की अपेक्षा हो।
अदानी समूह ने क्या कहा ?
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए अदानी समूह ने कहा है कि उनकी कंपनी पर लगे आरोप बेबुनियाद है और वे सिरे से इसे खारिज करते हैं। अदानी ग्रुप ने रिपोर्ट में ‘दुर्भावनापूर्ण’ और ‘चुनिंदा ग़लत जानकारी’ पेश करने का आरोप लगाया है। अदानी ग्रुप ने कहा है कि ‘वो हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ भारत और अमेरिका में ‘सुधारात्मक और दंडात्मक’ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।’ समूह ने स्पष्ट किया कि वो हमेशा से ही ‘क़ानूनों का पालन’ करते रहे हैं।
समूह की लीगल टीम ने चिंता जताई है कि, ‘रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाज़ार में जो उतार चढ़ाव पैदा किया है, वो बहुत चिंताजनक है। …..साफ़ है कि ये रिपोर्ट और इसके अप्रमाणित तथ्य इस तरह पेश किए गए कि इसका अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की क़ीमत पर बुरा असर पड़े।’
अदानी ग्रुप भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और उसका कारोबार कमोडिटी ट्रेडिंग, एयरपोर्ट, यूटिलिटी और रिन्यूबल एनर्जी समेत कई क्षेत्रों में फैला है। फ़ोर्ब्स मैग्ज़ीन के मुताबिक़, इस ग्रुप के मालिक भारतीय अरबपति गौतम अदानी दुनिया के चौथे सबसे धनी व्यक्ति हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च का जवाब
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि वो अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह से कायम है और किसी भी तरह की क़ानूनी कार्रवाई के लिए तैयार है। एक बयान में रिसर्च कंपनी ने कहा है कि, ‘हमारी रिपोर्ट आने के बाद…. अदानी ने एक भी गंभीर मुद्दे पर जवाब नहीं दिया है। हमने रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 सवाल पूछे थे जो कि हमारे मुताबिक कंपनी को अपने आप को निर्दोष साबित करने का मौका देते थे। ….जैसा कि हमें उम्मीद थी, अदानी ने धमकी का रास्ता चुना। मीडिया को एक बयान में अदानी ने हमारी 106 पन्नों, 32 हज़ार शब्दों और 720 से ज़्यादा उदाहरण के साथ दो सालों में तैयार की गई रिपोर्ट को बिना रिसर्च का बताया और कहा कि वो हमारे ख़िलाफ़, दंडात्मक कार्रवाई के लिए अमेरिकी और भारतीय कानूनों के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का मूल्यांकन कर रहे हैं। जहां तक कंपनी के द्वारा क़ानूनी कार्रवाई की धमकी की बात है, तो हम साफ़ करते हैं, हम उसका स्वागत करेंगे। अगर अदानी गंभीर हैं, तो उन्हें अमेरिका में केस दायर करना चाहिए। दस्तावेज़ों की एक लंबी लिस्ट है जिसकी क़ानूनी प्रक्रिया के दौरान हम डिमांड करेंगे।’
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया