न्य़ूज़ डेस्क (गणतंत्र भारत) नई दिल्ली : भारत में महिलाओं के कंधे पर बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक की जिम्मेदारी होती है और वे उसे बखूबी निभाती भी हैं। घरेलू कामकाज के मामलों में पुरुषों का महिलाओं से कोई मुकाबला ही नहीं है और वे उनके मुकाबले करीब 33 फीसदी ही घरेलू कामकाज में हाथ बंटाते हैं। ये जानकारी राष्ट्रीय सांख्य़िकी कार्यालय से जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि घरेलू कामकाज और श्रम के मामले में भारत में महिलाओं का योगदान अद्वितीय है और उसका कोई मुकाबला नहीं है। रिपोर्ट कहती है कि आमतौर पर घरों में महिलाओं के काम और योगदान को नजरंदाज किया जाता है और उसे कम महत्व दिया जाता है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि वे ये सारी जिम्मेदारियां बिना किसी भुगतान या पैसे के निभाती हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि, घरों में बच्चों के पालन-पोषण से लेकर उम्रदराज परिजनों की देखभाल तक की जिम्मेदारी अधिकतर घर की महिलाएं ही निभाती हैं और घर के पुरुषों का उससे कोई ज्यादा लेनादेना नहीं रहता।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्य़ालय की रिपोर्ट में घरेलू कामकाज में महिलाओं और पुरुषों के योगदान के बारे में अध्ययन किया गया है। एक सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई ये रिपोर्ट साल 2019 में पहली बार बनाई गई है। साल 2019 में जनवरी से लेकर 2019 के दिसंबर के बीच किए गए इस अध्ययन में शहर और गांव दोनों ही जगहों की महिलाओं को शामिल किया गया था। इस अध्ययन को टाइम यूज़ इन इंडिया- 2019 का नाम दिया गया है।
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की भागीदारी एक-तिहाई
टाइम यूज़ इन इंडिया -2019 के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में औसतन, महिलाएं एक दिन में करीब 299 मिनट घरेलू कामों में खर्च करती हैं जबकि भारतीय़ पुरुष औसतन 97 मिनट घरेलू काम में खर्च करते हैं। महिलाओं को उनके इस श्रम के एवज में किसी तरह का कोई भुगतान नहीं किया जाता और इसे उनके फर्ज के रूप में देखा जाता है।
परिजनों की देखभाल भी महिलाओं के जिम्मे
जहां तक घर के परिजनों की देखभाल का सवाल है वहां भी महिलाएं पुरुषों के मुकाबले बीस हैं। औसतन, महिलाएं घर के सदस्यों की देखभाल के कामों में 134 मिनट खर्च करती हैं जबकि पुरुष ऐसे कामों में केवल 76 मिनट ही खर्च करते हैं। अगर भारत में एक दिन में इन कामों पर खर्च किए गए कुल समय को जोड़ें तो तस्वीर साफ हो जाती है। महिलाएं औसतन 16.9 प्रतिशत घरेलू कामकाज बिना पैसे लिए करती हैं जबकि 2.6 प्रतिशत समय घर के सदस्यों की देखभाल में लगाती है। जबकि, पुरुषों का यही औसत 1.7 प्रतिशत और 0.8 फीसदी है।
हर जगह महिलाएं आगे
रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू कामकाज में पुरुषों की तुलना में महिलाएं हर जगह आगे हैं। ग्रामीण इलाकों में महिलाएं खेतों में भी काम करती हैं। इसके अलावा वे मवेशियों के चारा-पानी का भी इंतजाम करती हैं। जहां तक शहरों की बात है वहां भी पत्नियां घरेलू कामकाज के मामले में अपने पतियों से काफी ज्यादा मेहनत करती हैं। रिपोर्ट इशारा करती है कि महिलाएं अपनी इन जिम्मेदारियों को पुरुषों के मुकाबले कहीं बेहतर तरीके से निभाती भी हैं। सर्वेक्षण में चौंकाने वाला तथ्य़ ये है कि महिलाएं अपने योगदान को अपनी जिम्मेदारी मानती हैं और उन्हें इसे लेकर कोई शिकायत भी नहीं होती।
फोटो सौजन्य – सोशल मीडिया