नई दिल्ली (गणतंत्र भारत के लिए सुरेश उपाध्याय) : भारत में इस समय तीन राज्य अलग-अलग वायरस की चपेट में हैं। केरल में निपा, गुजरात में चांदीपुरा और महाराष्ट्र में जीका वायरस का कहर दिन ब दिन गंभीर होता जा रहा है। गुजरात में चांदीपुरा वायरस से 27 लोगों की मौत हो गई है जबकि महाराष्ट्र में जीका के 28 मामले मिल चुके हैं। केरल में निपा वायरत की चपेट में आने से एक 14 साल के बच्चे की मौत हो गई है।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य एजेंसियां को मामले की जांच करने के अलावा उसकी रोकथाम के लिए सभी एहितायती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
निपा को लेकर चिंता ज्यादा
निपा वायरस केरल में इससे पहले चार बार फैल चुका है। इस बार इस वायरस ने अब तक 14 साल के एक बच्चे की जान ले ली है और कई लोगों के इससे संक्रमित होने की आशंका है। राज्य सरकार के साथ ही केंद्र भी अब इस मामले में सतर्क हो गया है और लोगों को जागरूक करने के साथ ही इसके प्रसार पर लगाम लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र ने केरल सरकार को इस मामले में हर तरह का सहयोग देने का भरोसा दिलाया है। हालात पर नजर रखने और जरूरी तकनीकी मदद के लिए वह एक टीम भी राज्य में भेज रहा है।
निपा की दवा या वैक्सीन नहीं
कोविड से उबरने के बाद निपा वायरस देश के सामने सेहत के मामले में एक नया खतरा पैदा कर रहा है। चमगादड़ों से फैलने वाला यह वायरस खासा घातक है और इसके कारण मौत भी हो सकती है। इससे प्रभावित होने वालों की मौत का प्रतिशत 40 से 70 तक है। इससे बचाव की फिलहाल कोई दवा या वैक्सीन नहीं है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज से ही अभी इस पर काबू पाया जा सकता है। पिछले साल केंद्र सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से इसकी डोज खरीदने का फैसला किया था। इसकी एक डोज करीब 70 हजार रुपये की पड़ती है। इसलिए गरीब इसे आसानी से नहीं खरीद सकते।
जागरूकता अभियान
इस वायरस के फैलाव को रोकने के लिए केरल में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वायरस की प्रकृति की जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सैंपल भेजे गए हैं। राज्य के कई शहरों में निपा के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। पड़ोसी राज्यों ने केरल से सटे अपने इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है और लोगों से अनावश्यक रूप से केरल की यात्रा न करने को कहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस पर सख्ती से नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि यह देश के और राज्यों में भी फैल सकता है।
मलेशिया में मिला था पहले-पहल निपा
निपा संक्रमण का लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जाता है। इस वायरस का सबसे पहले 1998 में मलयेशिया में पता चला था। माना जाता है निपा वायरस चमगादड़ों से जानवरों तक पहुंचा और फिर इंसानों तक। इसका संक्रमण होने पर ब्रेन में सूजन आ जाती है। सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और बुखार तथा सिरदर्द हो सकता है। इसके साथ ही यह नर्वस सिस्टम पर भी यह असर डालता है।
केंद्र की एडवाइज़री
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस से सभी राज्यों को सतर्क रहने और एहतियाती उपाय करने को कहा है। केरल एक ऐसा राज्य है, जिसकी खूबसूरती को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां आते हैं। इससे निपा के फैलने का खतरा है। कोविड भी चीन जाने वाले यात्रियों के कारण ही पूरी दुनिया में फैला था। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज के मुताबिक, इस बार निपा के फैलने की शुरुआत राज्य के मल्लापुरम से हुई है। पिछली बार यह कोझिकोड शहर से फैला था।
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