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उत्तराखंड के गांव में घपले की विकास गाथा, कार्रवाई नहीं, फिर से जांच करेंगे अफसर

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पिथौरागढ़ ( गणतंत्र भारत के लिए न्यूज़ डेस्क) : जिले की गंगोलीहाट तहसील के गांव फुटसिल में भ्रष्टाचार का एक सनसनीखेज मामला समाने आया है। ग्रामीणों के होहल्ले और सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से मामले का पर्दाफाश हुआ। जांच बैठी, मुख्य विकास अधिकारी पिथौरागढ़ ने मामले की जांच की। काफी हद तक आरोप सही पाए गए। लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं की गई। ग्रामीणों ने दबाव बढ़ाया तो फिर से जांच कराने की बात की जा रही है। ऐसी स्थिति में इस घोटाले में प्रशासन की मिलीभगत का शक भी किया जा रहा है। कार्रवाई न होने की स्थिति में ग्रामीणों ने मामले को देहरादून तक ले जाने की चेतावनी दी है।

क्या है मामला ?

मामला पांच साल पुराना है। गंगोलीहाट तहसील के फुटसिल गांव के निवासियों ने विकास कार्य के नाम पर वहां हो रहे घपले की शिकायत ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों से की। कई बातें तो सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानाकारियों से उजागर हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के विकास संबंधी कार्य महिला ग्राम प्रधान के पति के इशारों पर कराए गए और उसमें जमकर घपला किया गया। कई कार्य तो ऐसे रहे कि जहां विकास राशि का पूरा का पूरा पैसा डकार लिया गया। संदेह है कि, इस मामले में जिला और तहसील स्तर के कुछ अधिकारियो की भी साठगांठ रही है।

फुटसिल गांव के निवासियों ने गांव में मनरेगा और दूसरे विकासकार्यं में अनियमितता का आरोप लगाया और ग्राम्य विकास विभाग में इसकी शिकाय़त दर्ज कराई। जांच कराई गई। जांच में सामने आया कि राजीव गांधी सेवा केंद्र के लिए स्वीकृत 10 लाख राशि में भुगतान सिर्फ 5 लाख का हुआ लेकिन धरातलल पर काम सिर्फ 2 लाख रुपयों का ही हुआ है।

इसी तरह से सिंचाईं टैंक के निर्माण के नाम पर 80 हजार रुपए का खर्च दिखाया गया जबकि टैंक बना ही नहीं। मनरेगा के नाम पर लाखो-लाख के फर्जी बिल बना कर उन पैसों का गबन कर लिया गया।

ग्रामीणों के दबाव और आरटीआई से हुआ खुलासा

ग्रामीणों ने विकास कार्यों में गड़बड़झाले का आरोप लगाया और दबाव बनाया तो जिला प्रशासन ने घपले की जांच के आदेश दे दिए। मुख्य विकास अधिकारी पिथौरागढ़ अनुराधा पाल को जांच करके मामले की रिपोर्ट देने को कहा गया। मुख्य विकास अधिकारी की जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि मोटेतौर पर फुटसिल में विकास कार्यों के नाम पर भारी घोटाला हुआ है।

आपको बता दें कि, फुटसिल के विकास कार्यो को लेकर कई आरटीआई जिला प्रशासन के समझ दाखिल की गई हैं जिनमें से कुछ के जवाब में जो जानकारियां सामने आई उनसे जाहिर हुआ कि यहां अनियमितताएं हुई हैं। अभी और भी बहुत सी लंबित आरटीआई का जवाब मिलना बाकी हैं।

प्रशासन की मिलीभगत का शक क्यों ?

बताया जाता है कि, मुख्य विकास अधिकारी ने इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) को दो-दो बार रिमाइंडर भेजा लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

लेकिन सवाल मुख्य विकास अधिकारी पर भी हैं। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को क्यों नहीं भेजी, जबकि ऐसा होना अपेक्षित था। संदेह तब और गहरा जाता है जब मीडिया के सवालों के बाद मुख्य विकास अधिकारी अनुराधा पाल इस पूरे मामले की फिर से जांच कराने की बात कहती हैं। उनका कहना है कि पहले की जांच में अनियमितता पाई गई है लेकिन जांच में कुछ पहलू छूट गए हैं लिहाजा जांच को फिर से कराए जाने की जरूरत है।

फोटो सौजन्य – सेशल मीडिया

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