देहारदून ( गणतंत्र भारत के लिए प्रखर मिश्र) : उत्तराखंड में भारी बारिश से भारी तबाही हुई है। भूस्खलन और नदियों में उफान के कारण सोनप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक नौ जगहों पर यातायात बाधित है और करीब 3000 यात्री जगहृ-जगह पर फंसे हुए हैं। SDRF –NDRF और प्रशासन राहत और बचाव के काम में युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है।
तबाही का मंजर
2013 के बाद से यह सबसे बड़ी जल प्रलय है, जब इस तरीके से नौ जगहों पर पूरी-पूरी सड़क बह गई है या टूट गई है। बचाव दल पहाड़ों और जंगलों के बीच से पगडंडिया बनाते हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। प्रशासन ने दवाएं, पीने का पानी और खाने पीने की सामग्री जगह-जगह पर यात्रियों के लिए उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी है।
यब त्रासदी कितनी बड़ी है इसका अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। बादल फटने और चट्टानों के दरकने से बहुत बड़े नुकसान की आशंका है। 14 लोगों के मरने की खबर है। मनकुटिया से 450 यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग में पहुंचाया गया है। गौरीकुंड रामबाड़ा और सोनप्रयाग केदारनाथ मार्ग पर कई जगह लैंडस्लाइड हुआ है और केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया है। केदारनाथ में भी अभी 3000 यात्रियों के फंसे होने की खबर है।
यात्रा मार्ग से 16 लोग लापता
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 16 लोगों के लापता होने की सूचना रुद्रप्रयाग एसपी कार्यालय को मिली है। पुलिस के अनुसार, गुरुवार को लापता लोगों के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी है। पुलिस का कहना है केदारघाटी में उपजे हालात से मोबाइल नेटवर्क की समस्या पैदा हो गई है। इस कारण यात्रा पर आए लोगों का परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। रुद्रप्रयाग पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 7579257572 और पुलिस कार्यालय का लैंडलाइन नंबर 01364-233387 को हेल्पलाइन के तौर पर शुरू किया है।
धामी ने लिया जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फौरी राहत के लिए 316 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। मुख्यमंत्री स्वयं एरियल सर्वे के साथ-साथ कई स्थानों पर स्वयं पहुंच कर मामले को देख रहे हैं और सभी डीएम एसडीएम समेत पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को मौके पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
दिक्कत एक ही बात की है अभी भी मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले 48 घंटे मौसम के लिहाज से भारी हैं।
फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया